नई दिल्ली: आर्थिक मंदी (Economic Slowdown) के बीच मोदी सरकार के लिए गुरुवार को राहतभरी खबर आई. दरअसल देश के औद्योगिक उत्पादन दर और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ दोनों में बढ़ोत्तरी हुई है. इसी साल जून महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर गिरकर दो प्रतिशत पर पहुंच गई थी. जो कि जुलाई महीने में 4.3 प्रतिशत हो गई है. वहीं मैन्युफैक्चरिंग (विनिर्माण) ग्रोथ में भी जून की तुलना में जुलाई महीने में अच्छा खासा इजाफा दर्ज किया गया है. हालांकि इसी अवधि में पिछले साल से तुलना की जाए तो औद्योगिक उत्पादन दर और मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ दोनों कम दर्ज की गई है.
आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार विनिर्माण क्षेत्र के कमजोर प्रदर्शन से जुलाई माह में औद्योगिक उत्पादन वृद्धि कमजोर पड़कर 4.3 प्रतिशत रह गई. आज आए आंकड़ों की मानें तो औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) के आधार पर मापी जाने वाली औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर एक साल पहले जुलाई में 6.5 प्रतिशत रही थी.
जून | जुलाई | |
औद्योगिक उत्पादन | 2 प्रतिशत | 4.3 प्रतिशत |
मैन्युफैक्चरिंग ग्रोथ | 1.20 प्रतिशत | 4.2 प्रतिशत |
वहीं आईआईपी में विनिर्माण क्षेत्र में नरमी देखी गई. जुलाई महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि 4.2 प्रतिशत रही जबकि एक साल पहले इसमें 7 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी. जबकि जून महीने में विनिर्माण क्षेत्र की वृद्धि दर पिछले साल के इसी माह के 6.90 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 1.20 प्रतिशत पर आ गई थी.
Government of India: Index of Industrial Production (IIP) for the month of July 2019 stands at 131.1, 4.3% higher compared to the level in the month of July 2018. https://t.co/HynoQN9ypp
— ANI (@ANI) September 12, 2019
गौरतलब हो कि खनन और विनिर्माण क्षेत्र के खराब प्रदर्शन के कारण जून महीने में औद्योगिक उत्पादन की वृद्धि दर गिरकर दो प्रतिशत पर आ गई थी. जो कि पिछले चार महीने का निचला स्तर था. पिछले साल जून में औद्योगिक उत्पादन सूचकांक (आईआईपी) सात प्रतिशत की दर से बढ़ा था.
सांख्यिकी मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार इससे पहले आईआईपी की वृद्धि का निचला स्तर फरवरी में 0.20 प्रतिशत रहा था. आईआईपी मार्च में 2.7 प्रतिशत, अप्रैल में 4.30 प्रतिशत और मई में 4.60 प्रतिशत की दर से बढ़ा था. इस वित्त वर्ष की जून तिमाही में आईआईपी वृद्धि दर पिछले वित्त वर्ष की समान तिमाही के 5.10 प्रतिशत की तुलना में गिरकर 3.60 प्रतिशत पर आ गई थी.
इसके अलावा अगस्त में खुदरा महंगाई दर में बढ़त देखी गई है. यह जुलाई के 3.15 फीसदी के मुकाबले बढ़कर 3.21 फीसदी पर पहुंच गई है.