Andheri Gokhale Bridge: RTI में बड़ा खुलासा, गोखले ब्रिज में दो साल की देरी के बावजूद BMC ने ठेकेदार पर लगाया सिर्फ  ₹5,000 का जुर्माना
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Andheri Gokhale Bridge: मुंबई के अंधेरी इलाके में स्थित गोपाल कृष्ण गोखले ब्रिज को पुनर्निर्माण के बाद 11 मई 2025 को आम जनता के लिए पूरी तरह से खोल दिया गया है. अब इस ब्रिज पर गाड़ियां पहले की तरह आ-जा रही हैं. लेकिन इस ब्रिज के बारे में आरटीआई के जवाब में एक बड़ा खुलासा हुआ है.

दो साल की देरी के लिए सिर्फ लगाया 5000 जुर्माना

आरटीआई कार्यकर्ता और वकील गॉडफ्रे पिमेंटा द्वारा दायर एक अपील से पता चला है कि बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) ने गोखले ब्रिज के निर्माण में दो साल की देरी के लिए ठेकेदार पर केवल ₹5,000 का जुर्माना लगाया है. यह खुलासा पहले के उन दावों के विपरीत है, जिसमें कहा गया था कि बीएमसी ने लगभग ₹3 करोड़ का जुर्माना लगाया था. यह भी पढ़े: 500 Rs Notes Missing: कहां ‘लापता’ हुए 500 रुपये के नोट? RBI को 88 हजार करोड़ का नहीं मिला हिसाब, RTI रिपोर्ट में बड़ा खुलासा

पहले 3 करोड़ जुर्माना लगाने की बात कही गई थी

आरटीआई कार्यकर्ता ने सवाल उठाया, "87 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाला यह प्रोजेक्ट दो साल की देरी से पूरा हुआ. केवल ₹5,000 का जुर्माना कैसे संभव है?" आरटीआई कार्यकर्ता ने आगे कहा, "हमें पहले बताया गया था कि प्रोजेक्ट लागत का 5-6 प्रतिशत जुर्माना लगाया जाएगा, जो ₹3 करोड़ से अधिक होता. लेकिन अब जवाब दिया गया है कि इसके लिए केवल ₹5,000 का जुर्माना लगाया गया है.

बीएमसी के ब्रिज विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "जुर्माना देरी की प्रकृति के आधार पर लगाया जाता है. गंभीर देरी के लिए आमतौर पर कड़ा जुर्माना लगाया जाता है." हालांकि, आरटीआई जवाब में अंतिम जुर्माने के बारे में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं दी गई.

बीएमसी पर उठे सवाल

बीएमसी द्वारा पहले ₹3 करोड़ के जुर्माने की बात कहने के बाद इसे ₹5,000 तक कम करने पर लोग बीएमसी की जवाबदेही पर सवाल उठा रहे हैं. नागरिकों का कहना है कि दो साल की देरी के लिए इतना मामूली जुर्माना कैसे उचित हो सकता है.  हालांकि बीएमसी ने एक बयान में कहा, "संबंधित कर्मचारियों को गोखले ब्रिज प्रोजेक्ट के ठेकेदार के खिलाफ सटीक जुर्माना निर्धारित करने के लिए अगले 2-3 दिनों में काम करने का निर्देश दिया गया है.