वैश्विक ऊर्जा थिंक टैंक एम्बर ने बुधवार को ग्लोबल इलेक्ट्रिसिटी रिव्यू 2024 रिपोर्ट जारी की, जिसमें एक बड़ी खुशखबरी सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक, भारत ने 2023 में जापान को पछाड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक देश बन गया है. 2015 में नौवें स्थान पर रहने वाला भारत अब तीसरे पायदान पर पहुँच गया है. यह रिपोर्ट 2023 के राष्ट्रीय स्तर के आंकड़ों के आधार पर तैयार की गई है.
सौर ऊर्जा से पूरी हो रही 5.8% ऊर्जा ज़रूरतें
रिपोर्ट में 80 देशों को शामिल किया गया है, जो वैश्विक बिजली का 92 प्रतिशत हिस्सा दर्शाते हैं. रिपोर्ट बताती है कि 2023 में भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में ज़बरदस्त वृद्धि की है, जिससे वह जापान को पीछे छोड़कर दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा सौर ऊर्जा उत्पादक बन गया है. रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में वैश्विक बिजली का 5.5 प्रतिशत हिस्सा सौर ऊर्जा से उत्पन्न होने की उम्मीद है, जबकि भारत ने 2023 में अपनी बिजली का 5.8 प्रतिशत सौर ऊर्जा से उत्पन्न करने की योजना बनाई है.
सौर ऊर्जा उत्पादन में जापान को पीछे छोड़ भारत बना दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा देश
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— डीडी न्यूज़ (@DDNewsHindi) May 9, 2024
सौर ऊर्जा उत्पादन में तेज़ी से वृद्धि
2023 में भारत ने सौर ऊर्जा उत्पादन में दुनिया की चौथी सबसे बड़ी वृद्धि (+18 टेरावाट घंटे या TWh) हासिल की है. चीन (+156 TWh), अमेरिका (+33 TWh) और ब्राजील (+22 TWh) ही भारत से आगे हैं. इन चार देशों ने मिलकर 2023 तक सौर ऊर्जा उत्पादन में 75 प्रतिशत की वृद्धि हासिल की है.
भविष्य में सौर ऊर्जा की अहम भूमिका
एम्बर के एशिया प्रोग्राम निदेशक आदित्य लोला ने कहा कि अक्षय ऊर्जा, खासकर सौर ऊर्जा द्वारा संचालित भविष्य अब एक वास्तविकता बनता जा रहा है. सौर ऊर्जा ने लगातार उन्नीसवें वर्ष दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते बिजली स्रोत के रूप में अपनी स्थिति बरकरार रखी है. 2023 में दुनिया भर में कोयले की तुलना में सौर ऊर्जा से दोगुनी से अधिक ऊर्जा उत्पन्न हुई है.
2015 की तुलना में छह गुना ज़्यादा सौर ऊर्जा उत्पादन
हाल के वर्षों में सौर ऊर्जा का तेजी से विस्तार हुआ है. 2023 में वैश्विक सौर ऊर्जा उत्पादन 2015 की तुलना में छह गुना अधिक था, जबकि भारत में यह 17 गुना अधिक दर्ज किया गया. 2015 में भारत की बिजली में सौर ऊर्जा का हिस्सा 0.5 प्रतिशत था, जो 2023 में बढ़कर 5.8 प्रतिशत हो गया है.
भारत के लिए बड़ी उपलब्धि
यह भारत के लिए एक बड़ी उपलब्धि है और यह दर्शाता है कि देश स्वच्छ और हरित ऊर्जा की ओर तेजी से बढ़ रहा है. सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की यह प्रगति जलवायु परिवर्तन से निपटने और ऊर्जा सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.