Axiom Mission-4: कुछ ही घंटों में अंतरिक्ष के लिए उड़ान भरेंगे शुभांशु शुक्ला, 40 साल बाद फिर एक भारतीय अंतरिक्ष में रचेगा नया इतिहास

आज भारत के लिए एक बहुत बड़ा और ऐतिहासिक दिन है. ठीक 40 साल के लंबे इंतज़ार के बाद, कोई दूसरा भारतीय नागरिक अंतरिक्ष के सफ़र पर निकलने वाला है. भारतीय वायु सेना के ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला (Shubhanshu Shukla) आज तीन अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के साथ अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) के लिए उड़ान भरेंगे.

यह मिशन (Axiom Mission 4) भारतीय समयानुसार आज दोपहर 12 बजकर 1 मिनट पर लॉन्च होगा. चलिए इस मिशन से जुड़ी 10 बड़ी और आसान बातें जानते हैं.

  1. कौन हैं शुभांशु शुक्ला? ग्रुप कैप्टन शुभांशु शुक्ला भारतीय वायु सेना में एक लड़ाकू पायलट हैं. उनकी उम्र 39 साल है. भारत की स्पेस एजेंसी इसरो (ISRO) ने इस ऐतिहासिक उड़ान के लिए उन्हें चुना.
  2. 40 साल का इंतज़ार खत्म शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय होंगे. उनसे पहले, 1984 में विंग कमांडर राकेश शर्मा ने अंतरिक्ष में जाकर इतिहास रचा था. अब चार दशक बाद कोई भारतीय यह उपलब्धि हासिल करने जा रहा है.
  3. कहाँ से होगी उड़ान? यह लॉन्च अमेरिका के फ्लोरिडा में मौजूद नासा (NASA) के कैनेडी स्पेस सेंटर से होगा. खास बात यह है कि यह वही लॉन्च पैड 39A है, जहाँ से 1969 में नील आर्मस्ट्रांग ने चांद के मिशन 'अपोलो 11' के लिए उड़ान भरी थी.
  4. कौन सा रॉकेट ले जाएगा? अंतरिक्ष यात्रियों को स्पेसएक्स (SpaceX) कंपनी का क्रू ड्रैगन स्पेसक्राफ्ट लेकर जाएगा. इसे एक फॉल्कन-9 रॉकेट के ऊपर लगाया गया है, जो इसे अंतरिक्ष तक पहुँचाएगा.
  5. क्या है मिशन का नाम? इस मिशन का नाम 'एक्सिओम मिशन 4' (Axiom Mission 4) है. यह ह्यूस्टन की कंपनी एक्सिओम स्पेस का एक प्राइवेट मिशन है, जिसे वह नासा के साथ मिलकर पूरा कर रही है. इसे कभी-कभी 'मिशन आकाश गंगा' भी कहा जा रहा है.
  6. कितने दिन का होगा सफ़र? यह मिशन लगभग दो हफ़्तों तक चलेगा. शुभांशु शुक्ला और उनकी टीम अंतर्राष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर इतने दिन बिताएगी.
  7. अंतरिक्ष में क्या करेंगे? इस मिशन के दौरान, चार सदस्यों की टीम मिलकर 60 वैज्ञानिक प्रयोग करेगी. इनमें से 7 प्रयोग भारतीय शोधकर्ताओं ने तैयार किए हैं. इसके अलावा, ग्रुप कैप्टन शुक्ला अंतरिक्ष से पृथ्वी पर लोगों के साथ बातचीत भी करेंगे.
  8. भारत-अमेरिका का साझा मिशन यह मिशन भारत और अमेरिका के बीच बढ़ते अंतरिक्ष सहयोग का एक शानदार उदाहरण है. जून 2023 में जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका की यात्रा पर गए थे, तब दोनों देशों के बीच एक भारतीय को ISS भेजने पर सहमति बनी थी.
  9. लॉन्च में कई बार हुई देरी इस मिशन की लॉन्चिंग कई बार टली है. इसकी पहली तारीख 29 मई थी, लेकिन खराब मौसम और कुछ तकनीकी समस्याओं, जैसे ऑक्सिडाइज़र लीक के कारण, इसे आगे बढ़ाना पड़ा. 25 जून की तारीख छठी घोषित तारीख है.
  10. पूरी तैयारी और सावधानी लॉन्च से पहले, ग्रुप कैप्टन शुक्ला को एक महीने से भी ज़्यादा समय तक क्वारंटीन में रखा गया था. ऐसा इसलिए किया जाता है ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि उड़ान से पहले क्रू के सभी सदस्य पूरी तरह से स्वस्थ हैं.

यह उड़ान न केवल भारत के लिए गर्व का पल है, बल्कि यह अंतरिक्ष अनुसंधान में भारत की बढ़ती भूमिका को भी दर्शाती है.