मोबाइल में अब पहले से इंस्टाल रहेगा सरकारी साइबर सेफ्टी ऐप, यूजर्स नहीं कर पाएंगे डिलीट
Representational Image | Pexels

भारत सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए एक बड़ा फैसला लिया है. दूरसंचार मंत्रालय ने सभी स्मार्टफोन कंपनियों को आदेश दिया है कि वे हर नए फोन में सरकार का संचार साथी (Sanchar Saathi) ऐप पहले से इंस्टॉल करके ही बेचें. सबसे बड़ी बात यूजर्स इस ऐप को न तो डिलीट कर सकेंगे और न ही डिसेबल. यह आदेश निजी तौर पर कंपनियों को भेजा गया है और इसके 90 दिनों के भीतर इसे लागू करना होगा.

सरकार का कहना है कि टेलीकॉम साइबर सुरक्षा के सामने फर्जी IMEI नंबर, डुप्लिकेट डिवाइस और फ्रॉड कॉल्स जैसी गंभीर चुनौतियां बढ़ रही हैं. यह ऐप इन समस्याओं से निपटने का सबसे प्रभावी तरीका माना जा रहा है.

संचार साथी ऐप की मदद से अब तक 7 लाख से ज्यादा खोए हुए फोन रिकवर किए जा चुके हैं, जिनमें सिर्फ अक्टूबर में 50,000 फोन शामिल हैं. इसके अलावा यह ऐप IMEI चेक, फोन ब्लॉकिंग और संदिग्ध कॉल रिपोर्ट जैसी सुविधाएं भी देता है.

कौन-कौन सी कंपनियों पर लागू होगा नियम?

इस आदेश के दायरे में सभी बड़े स्मार्टफोन ब्रांड्स आते हैं. Apple, Samsung, Vivo, Oppo, Xiaomi समेत सभी कंपनियों को हर नए फोन में ऐप डालना अनिवार्य होगा. जो फोन पहले ही सप्लाई चेन में मौजूद हैं, उनमें कंपनियों को सॉफ्टवेयर अपडेट के जरिए ऐप भेजना होगा.

Apple क्यों परेशान? जानिए बड़ा टकराव

Apple की अपनी सख्त नीतियां हैं. वह किसी भी सरकारी या थर्ड-पार्टी ऐप को प्री-इंस्टॉल करने की इजाजत नहीं देता. पहले भी जब भारत सरकार ने एंटी-स्पैम ऐप इंस्टॉल करने की बात कही थी, तब Apple ने काफी विरोध जताया था. टेक एक्सपर्ट्स का कहना है कि Apple इस बार भी सीधा नियम मानने की बजाय कोई “मिडल ग्राउंड” खोजने की कोशिश करेगा. जैसे यूजर को ऐप इंस्टॉल करने के लिए सिर्फ नोटिफिकेशन देना.

सरकार का तर्क: चोरी, फ्रॉड और साइबर क्राइम पर लगाम

सरकारी आंकड़े बताते हैं कि संचार साथी ऐप 3.7 मिलियन (37 लाख) चोरी या खोए फोन ब्लॉक कर चुका है. 30 मिलियन (3 करोड़) फर्जी मोबाइल कनेक्शन बंद किए गए हैं. 5 मिलियन से ज्यादा लोग यह ऐप डाउनलोड कर चुके हैं. सरकार का दावा है कि यह ऐप न केवल फोन ट्रैक करने में मदद करता है, बल्कि फर्जी डिवाइसों को मार्केट में आने से रोकता है और कई तरह के साइबर फ्रॉड को भी खत्म करता है.

भारत में स्मार्टफोन का विशाल बाजार

भारत में 1.2 बिलियन से अधिक मोबाइल सब्सक्राइबर्स हैं. स्मार्टफोन में Apple का हिस्सा लगभग 4.5% है, जबकि बाकी पूरा बाजार Android डिवाइसेज़ का है. इसलिए यह आदेश मोबाइल कंपनियों और उपभोक्ताओं दोनों पर बड़ा असर डालेगा.