इंग्लैंड के पूर्व कप्तान और मशहूर कमेंटेटर माइकल अथर्टन ने भारत और पाकिस्तान के बीच होने वाले क्रिकेट मैचों को लेकर अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (ICC) पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने ICC को सलाह दी है कि भविष्य के टूर्नामेंट्स में जानबूझकर भारत और पाकिस्तान के मैच शेड्यूल न किए जाएँ. अथर्टन का मानना है कि क्रिकेट अब कूटनीति का नहीं, बल्कि राजनीतिक तनाव और प्रोपेगेंडा का एक ज़रिया बन गया है.
यह बयान हाल ही में खत्म हुए एशिया कप 2025 के बाद आया है, जो भारत ने जीता था. यह टूर्नामेंट पहलगाम आतंकी हमले के तनाव के बीच खेला गया था और इसमें भारत-पाकिस्तान के बीच तीन मैच हुए. लेकिन यह टूर्नामेंट मैदान के अंदर के खेल से ज़्यादा मैदान के बाहर के विवादों, जैसे कि हाथ न मिलाने और 'नो-ट्रॉफी' जैसे मामलों के लिए याद किया जाएगा.
'पैसे के लिए खेल की भावना से खिलवाड़'
माइकल अथर्टन ने 'द टाइम्स' में अपने कॉलम में लिखा कि ICC को यह समझना चाहिए कि दोनों देशों के बीच तनाव हर दिन बढ़ रहा है. उन्होंने कहा, "इसमें कोई शक नहीं कि भारत-पाकिस्तान मैच से बहुत ज़्यादा पैसा आता है. यही एक बड़ी वजह है कि ICC टूर्नामेंट्स के ब्रॉडकास्ट राइट्स अरबों डॉलर में बिकते हैं. हाल ही में 2023-27 के लिए यह डील लगभग 3 बिलियन डॉलर की थी."
उन्होंने आगे कहा कि ICC सिर्फ़ अपनी आर्थिक ज़रूरतों को पूरा करने के लिए जानबूझकर इन दोनों टीमों का मैच कराती है, जो किसी भी गंभीर खेल के लिए सही नहीं है.
'पारदर्शी ड्रॉ होना चाहिए'
अथर्टन ने सुझाव दिया कि भविष्य में ICC टूर्नामेंट्स के लिए ड्रॉ पूरी तरह से पारदर्शी होना चाहिए. उन्होंने कहा, "अगर ड्रॉ में दोनों टीमें एक-दूसरे के सामने नहीं आती हैं, तो कोई बात नहीं. क्रिकेट को अब राजनीतिक तनाव भुनाने का ज़रिया नहीं बनने देना चाहिए."
गौरतलब है कि भारत और पाकिस्तान के बीच 2013 के बाद से कोई भी द्विपक्षीय सीरीज़ (आपसी सीरीज़) नहीं खेली गई है. ये दोनों टीमें सिर्फ़ ICC टूर्नामेंट्स या एशिया कप जैसे मल्टी-नेशन टूर्नामेंट्स में ही आमने-सामने होती हैं. अथर्टन का मानना है कि इसी मजबूरी का फ़ायदा ICC और ब्रॉडकास्टर्स पैसों के लिए उठाते हैं, जिसे अब बंद होना चाहिए.













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