मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय (Madhya Pradesh High Court), ग्वालियर खंडपीठ (Gwalior Bench) ने हाल ही में एक विक्रेता को अग्रिम जमानत दी थी, जिस पर आरोप था कि वह जो पनीर (Paneer) बेच रहा था, वो मानव उपभोग के लिए अनुपयुक्त था. न्यायमूर्ति अतुल श्रीधरन की पीठ ने पाया कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं है, जिससे यह पता चल सके कि ग्राहकों ने पनीर को शुद्ध समझकर खरीदा, लेकिन बाद में यह मिलावटी पाया गया. मामले के तथ्य यह थे कि आवेदक की दुकान का निरीक्षण करते समय खाद्य निरीक्षक ने पनीर को जब्त कर लिया, जो खाद्य सुरक्षा और मानक अधिनियम 2006 की धारा 3 (1)(zz) के तहत मानव उपभोग के लिए असुरक्षित पाया गया. एफएसएसए (FSSA) के तहत आवश्यक रूप से आवेदक के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई. इसके अलावा उन्होंने आवेदक के खिलाफ आईपीसी की धारा 420, 272, 273 के तहत प्राथमिकी दर्ज करवाई. गिरफ्तारी की आशंका को लेकर आवेदक ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, जिसके बाद कोर्ट से उसे अग्रिम जमानत मिल गई है.
देखें ट्वीट-
Prima Facie No Representation To Customer That Paneer Is Pure: MP High Court Grants Anticipatory Bail To Vendor Accused Of Selling "Unfit" Paneer @ThomasZeeshan https://t.co/TLxIuwQqUr
— Live Law (@LiveLawIndia) January 5, 2023
(SocialLY के साथ पाएं लेटेस्ट ब्रेकिंग न्यूज, वायरल ट्रेंड और सोशल मीडिया की दुनिया से जुड़ी सभी खबरें. यहां आपको ट्विटर, इंस्टाग्राम और यूट्यूब पर वायरल होने वाले हर कंटेंट की सीधी जानकारी मिलेगी. ऊपर दिखाया गया पोस्ट अनएडिटेड कंटेंट है, जिसे सीधे सोशल मीडिया यूजर्स के अकाउंट से लिया गया है. लेटेस्टली स्टाफ द्वारा इसमें कोई बदलाव या एडिट नहीं किया गया है. सोशल मीडिया पोस्ट लेटेस्टली के विचारों और भावनाओं का प्रतिनिधित्व नहीं करता है, हम इस पोस्ट में मौजूद किसी भी कंटेंट के लिए कोई जिम्मेदारी या दायित्व स्वीकार नहीं करते हैं.)