Pakistan Army Rocket Force: 'ऑपरेशन सिंदूर' में भारतीय सेना से मुंह की खाने के बाद पाकिस्तान ने अपनी सैन्य रणनीति में एक बड़े बदलाव का ऐलान किया है. पाकिस्तान अब एक 'आर्मी रॉकेट फोर्स' (ARF) बनाने जा रहा है. यह एक खास सैन्य टुकड़ी होगी जिसका मुख्य काम पारंपरिक युद्ध के दौरान मिसाइलों और रॉकेटों का संचालन करना होगा. माना जा रहा है कि भारत की बढ़ती सैन्य ताकत से घबराकर पाकिस्तान ने यह कदम उठाया है.
यह ऐलान पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने 13 अगस्त, 2025 की देर शाम, यानी पाकिस्तान के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर इस्लामाबाद में आयोजित एक समारोह में किया. उन्होंने कहा, "यह फोर्स आधुनिक तकनीक से लैस होगी और पाकिस्तान की सेना की युद्ध क्षमता को मजबूत करने में मील का पत्थर साबित होगी."
क्यों पड़ी इस फोर्स की ज़रूरत?
इस साल मई में भारत और पाकिस्तान के बीच चार दिनों तक चले 'ऑपरेशन सिंदूर' में हवाई जंग का बोलबाला रहा. दोनों तरफ से ड्रोन, मिसाइलें और छोटे हमलावर ड्रोन्स का इस्तेमाल हुआ. लेकिन इस टकराव में पाकिस्तान का मिसाइल सिस्टम पूरी तरह फेल साबित हुआ.
पाकिस्तान की चीन-निर्मित PL-15 मिसाइलों को भारत के स्वदेशी ब्रह्मोस, आकाश और रूस से मिले S-400 जैसे एयर डिफेंस सिस्टम ने आसानी से रोक लिया. हालत यह थी कि पाकिस्तान की लगभग सभी मिसाइलें अपने लक्ष्य तक पहुँचने से पहले ही हवा में नष्ट कर दी गईं. भारत ने हरियाणा के सिरसा के पास पाकिस्तान की 'फतह-1' मिसाइल को भी मार गिराया था, जिसका मलबा खाजा खेड़ा गांव के पास मिला था.
इसके उलट, भारतीय वायु सेना ने पाकिस्तान के अंदर घुसकर कई बड़े और संवेदनशील ठिकानों को निशाना बनाया, जिसमें रावलपिंडी का नूर खान एयरबेस भी शामिल था. भारत के इस दोतरफा हमले (मजबूत रक्षा और आक्रामक हमला) ने पाकिस्तान को बेबस कर दिया था.
चीन के मॉडल पर बनेगी नई फोर्स
पाकिस्तान के एक वरिष्ठ सुरक्षा अधिकारी ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि यह नई फोर्स सीधे तौर पर भारत को ध्यान में रखकर बनाई जा रही है.
After facing losses in May after conflict with India, Pakistan announces establishment of Rocket Force Command (ARFC).
Development to add instability in the region, especially after Islamabad's support to cross border terrorism.pic.twitter.com/7vgBIIq2Ui
— Sidhant Sibal (@sidhant) August 14, 2025
रक्षा विशेषज्ञ, ग्रुप कैप्टन एम.जे. ऑगस्टीन (रिटायर्ड) के अनुसार, पाकिस्तान की 'आर्मी रॉकेट फोर्स' पूरी तरह से चीन की 'पीपुल्स लिबरATION आर्मी रॉकेट फोर्स' (PLARF) की नकल होगी. चीन की PLARF उसकी सेना की चौथी शाखा है, जो उसके सभी ज़मीनी मिसाइलों (परमाणु और पारंपरिक दोनों) को नियंत्रित करती है.
यह कदम पाकिस्तान और चीन के बीच गहरे होते संबंधों को भी दिखाता है. 'ऑपरेशन सिंदूर' के दौरान चीन ने पाकिस्तान को सैटलाइट तस्वीरों, खुफिया जानकारी और आधुनिक हथियारों से पूरी मदद की थी. चीन अपने हथियारों को आज़माने के लिए पाकिस्तान को एक 'टेस्टिंग ग्राउंड' के तौर पर भी इस्तेमाल करता है. चीन के मॉडल पर इस फोर्स का बनना यह साबित करता है कि दोनों देशों की "सदाबहार दोस्ती" अब सैन्य स्तर पर और भी गहरी हो गई है.
साफ है कि 'ऑपरेशन सिंदूर' में अपनी मिसाइल टेक्नोलॉजी की नाकामी और भारत की ताकत को देखने के बाद पाकिस्तान बौखला गया है और अब चीन की मदद से अपनी कमियों को दूर करने की कोशिश कर रहा है.













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