किश्तवाड़: जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के दूरस्थ छोसीटी गांव में गुरुवार दोपहर एक भीषण बादल फटने की घटना ने तबाही मचा दी. अधिकारियों के अनुसार, इस हादसे में अब तक 46 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें दो सीआईएसएफ के जवान भी शामिल हैं. तेज बारिश और अचानक आई बाढ़ ने कई मकानों को बहा दिया और बड़ी संख्या में लोग मलबे के नीचे दब गए. आशंका जताई जा रही है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है.
हादसे की सूचना मिलते ही किश्तवाड़ के डिप्टी कमिश्नर पंकज कुमार शर्मा और एसएसपी मौके पर पहुंचे. एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, पुलिस, सेना और स्थानीय लोगों ने मिलकर बड़े पैमाने पर बचाव कार्य शुरू किया. अब तक 167 लोगों को सुरक्षित निकाला गया है, जिनमें से 38 की हालत गंभीर बताई जा रही है. जम्मू और उधमपुर से एनडीआरएफ की दो अतिरिक्त टीमें भी भेजी गई हैं, ताकि मलबे में दबे लोगों को जल्द निकाला जा सके.
मचैल माता यात्रा के दौरान भीषण आपदा
बादल फटने की यह भीषण आपदा दोपहर 12 से 1 बजे के बीच हुई, जब छोसीटी में बड़ी संख्या में श्रद्धालु मचैल माता मंदिर के दर्शन के लिए जुटे थे. यह मंदिर समुद्र तल से 9,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है और यात्रा 25 जुलाई से 5 सितंबर तक चलती है. गांव में लगे लंगर (सामुदायिक रसोई) को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ, साथ ही कई दुकानें और एक सुरक्षा पोस्ट भी बाढ़ में बह गईं.
मुख्यमंत्री ने रद्द किए स्वतंत्रता दिवस कार्यक्रम
इस दुखद घटना के मद्देनज़र जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री ओमर अब्दुल्ला ने शुक्रवार को होने वाली स्वतंत्रता दिवस चाय पार्टी और सांस्कृतिक कार्यक्रम रद्द कर दिए. सीएम ने एक्स पर लिखा, “किश्तवाड़ में बादल फटने से हुई त्रासदी को देखते हुए, मैंने कल शाम होने वाली ‘एट होम’ चाय पार्टी रद्द करने का निर्णय लिया है.”













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