'Chutia Community' of Assam: असम की 'चुटिया कम्युनिटी' क्या है? CM हिमंत बिस्वा सरमा की पोस्ट के बाद नेटिज़न्स ने नाम पर जताई हैरानी, जानिए इस प्राचीन समुदाय का इतिहास और महत्व
Photo- @himantabiswa/X

What is The 'Chutia Community' of Assam: असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) के एक 'एक्स' पोस्ट पर सोशल मीडिया में खूब चर्चा हो रहा है, जिसमें राज्य की 'चुटिया समुदाय (Chutia community)' को आरक्षण देने की बात कही गई है. कुछ लोगों ने इस समुदाय के नाम को पढ़कर हैरानी जताई, लेकिन इसके पीछे एक समृद्ध और गौरवशाली इतिहास छिपा है. सीएम सरमा ने X पर लिखा कि दशकों तक इस समुदाय की आकांक्षाओं को अनदेखा किया गया, लेकिन अब उन्हें उनका हक मिल रहा है. सरकार ने बिरांगना सती साधनी की प्रतिमा, 77 करोड़ रुपये की आर्थिक सहायता, एक राज्य विश्वविद्यालय और अब उच्च शिक्षा में आरक्षण जैसे कदम उठाए हैं.

इस फैसले के तहत राज्य विश्वविद्यालयों में 18 सीटें, पॉलिटेक्निक में 9 सीटें और इंजीनियरिंग कॉलेजों में 32 सीटें चुटिया छात्रों के लिए आरक्षित होंगी.

ये भी पढें: Fact Check: क्या सच में असम के CM हिमंत बिस्वा सरमा को किया गया गिरफ्तार, सोशल मीडिया पर वायरल वीडियो का दावा है फर्जी, जाने इसकी सच्चाई

असम की 'चुटिया कम्युनिटी' को मिलेगा आरक्षण

नेटिज़न्स ने नाम पर जताई हैरानी

कौन हैं चुटिया समुदाय?

चुटिया समुदाय असम का एक प्राचीन जनजातीय समूह है, जो मुख्य रूप से ऊपरी असम के तिनसुकिया, डिब्रूगढ़, धेमाजी और लखीमपुर जिलों में रहता है. ऐतिहासिक तौर पर, इस समुदाय ने 12वीं से 16वीं शताब्दी तक ब्रह्मपुत्र घाटी में चुटिया साम्राज्य की स्थापना की थी. यह साम्राज्य अपनी समृद्ध संस्कृति, कृषि उत्पादन और सामाजिक योगदान के लिए प्रसिद्ध था.

आज चुटिया समुदाय को असम में OBC श्रेणी में रखा गया है. अधिकांश लोग खेती, छोटे व्यवसाय और सरकारी सेवाओं से जुड़े हैं, लेकिन अपनी भाषा, परंपरा और त्योहारों जैसे बिहू को पूरी शिद्दत से संजोए हुए हैं.

उच्च शिक्षा में आरक्षण का ऐलान

असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने रविवार को ऐलान किया कि राज्य की चुटिया (Chutia) कम्युनिटी के छात्रों को अब उच्च शिक्षा में आरक्षण दिया जाएगा. इसमें राज्य के विश्वविद्यालय, पॉलिटेक्निक संस्थान और इंजीनियरिंग कॉलेज शामिल हैं.

इस आरक्षण से न केवल शिक्षा के क्षेत्र में इन युवाओं को नए अवसर मिलेंगे, बल्कि यह कदम असम की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विविधता को और मजबूती देगा.