नई दिल्ली: सोशल मीडिया पर एक दावा किया जा रहा है कि देश के जवानों के लिए 2,200 रुपये वाले जूते 25 हजार रुपए में खरीदे जा रहे हैं. दावा किया गया है कि हमारे जवान अपने ही देश में बने जूते किसी और देश के नाम पर पहन रहे हैं. सोशल मीडिया पर इसके लिए यूपीए सरकार को जिम्मेदार बताया जा रहा है. इसके बाद सभी के मन में यही सवाल है कि, क्या वाकई देश की रक्षा करने वाले सैनिकों को जूते के लिए कई गुना अधिक दाम देने पड़ रहे हैं. क्या यह सच है कि 2,200 रुपए के जूतों को 25,000 रुपए में खरीदा जा रहा है?
यह दावा एक मैसेज के रूप में अब Whatsapp तक पहुंच चुका है. मैसेज में लिखा गया है. "भारतीय सेना के जूते की दास्तान. राजस्थान, जयपुर की कंपनी सेना के लिए जूते बनाती है, वो जूते इजरायल को बेचे जाते थे, फिर इजराइल वही जूते भारत को बेचता था और तब जाकर वो जूते भारतीय सैनिकों को मिलते थे. इसके बाद एक जोड़ी जूते सैनिकों को 25,000 रुपये में मिलते थे. ये सिलसिला कांग्रेस द्वारा कई सालों से चल रहा था." Fact Check: क्या अब मदरसों में भी होगी गीता और रामायण की पढ़ाई? जानिए पूरा सच.
मैसेज में दावा है, "जब ये बात मौजूदा रक्षामंत्री मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) को पता चली तो वो चौंक गए और आगबबूला हो गए. रक्षामंत्री ने फौरन जयपुर कंपनी के सीईओ से मुलाकात और इसका कारण पूछा तो जवाब मिला कि भारत को सीधे जूते बेचने पर भारत का सरकारी तंत्र सालों तक भुगतान ही नहीं करता था, इसलिए हम दूसरे देशों में जूते बेचने लगे."
"इसके बाद रक्षामंत्री ने कहा कि अगर सिर्फ एक दिन भी आपकी पेमेंट लेट होती है तो आप मुझे फोन करिएगा. बस आपको हमें सीधे जूते बेचने हैं, आप पैसे बताइए." मैसेज के अंत में लिखा है, "सोचिए जूते के 25,000 रुपए देकर कांग्रेस ने सालों तक कितनी लूट मचा रखी थी. विश्वास नहीं हुआ ना? कोई बात नहीं आरटीआई लगाइए या गूगल खंगालिए."
यहां देखें वायरल फेक मैसेज:
A shoe manufacturing company based in Jaipur makes shoes for Indian Army. But instead of selling it directly it used to export it to Israel. From where Indian Army purchase at about 10 times higher cost... This practice was going on for decades. (1/5) pic.twitter.com/Y2PjfHSfRw
— Mayank Jindal (TC) (@MJ_007Club) March 5, 2021
but hefty "Cut" was demanded at each stage from tendering, approving samples, placing order, quality check, payment process and final payment... Which would take several months besides huge corruption money. So he started exporting it to an Israeli company. (3/5)
— Mayank Jindal (TC) (@MJ_007Club) March 5, 2021
ABP न्यूज ने इस वायरल खबर की सच्चाई का पता लगाया. ABP न्यूज ने साल 2017 में यह फैक्ट चेक किया. ABP न्यूज ने फैक्ट चेक कर बताया कि, 'यह दावा पूरी तरह गलत है. ABP न्यूज ने इस बाबत सेना के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय के सूत्रों से संपर्क किया जिसके बाद पड़ताल में सामने आया कि हाल के दिनों में ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है, जिसमें रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर ने किसी जूते से जुड़े विवाद में दखल दिया हो.
ABP न्यूज ने फैक्ट चेक में इस दावे को फर्जी और निराधार बताया, वायरल मैसेज में किया जा रहा दावा पूरी तरह गलत है यानि देश के जवान देश में बना 2,200 का जूता 25,000 में विदेशी कंपनी से नहीं खरीदते हैं.
Fact check
भारतीय सेना के जवान 22,00 रुपए के जूतों को 25,000 रुपये में खरीद रहे हैं.
यह दावा फर्जी है. सेना के साथ-साथ रक्षा मंत्रालय ने कहा है कि ऐसी कोई घटना सामने नहीं आई है.