ट्रंप ने क्रिप्टो से कमाए करोड़ों डॉलर, भारत से भी हुई कमाई
प्रतीकात्मक तस्वीर (Photo Credit: Image File)

अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने 2024 वित्त वर्ष के लिए अपनी आय का ब्यौरा जारी किया है. क्रिप्टो और मीम कॉइन से उन्होंने बड़ी कमाई की है.अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप की ताजा वित्तीय घोषणा उनके कारोबारी साम्राज्य की झलक भर नहीं, बल्कि सत्ता और व्यवसाय के बीच धुंधली होती रेखाओं पर भी एक नई बहस को जन्म दे रही है. शुक्रवार को सार्वजनिक की गई इस फाइनेंशियल डिस्क्लोजर रिपोर्ट के अनुसार, ट्रंप ने वर्ष 2024 के दौरान क्रिप्टोकरेंसी, रियल एस्टेट, गोल्फ क्लबों, ब्रांडेड उत्पादों और अंतरराष्ट्रीय सौदों के जरिए 600 मिलियन डॉलर (लगभग 5,000 करोड़ रुपये) से अधिक की कमाई की है.

रिपोर्ट में उनके पास कम से कम 1.6 अरब डॉलर की संपत्ति होने की बात कही गई है. हालांकि यह न्यूनतम अनुमान है, क्योंकि अधिकांश आंकड़ों के लिए न्यूनतम संख्या को ही अनुमान में शामिल किया गया है.

क्रिप्टो से अचानक आई दौलत की लहर

राष्ट्रपति ट्रंप की कारोबारी कमाई में सबसे नया और तेज बढ़ता स्रोत क्रिप्टो दिखाया गया है. उन्होंने रिपोर्ट में बताया कि 'वर्ल्ड लिबर्टी फाइनेंशियल' नामक एक डीसेंट्रलाइज्ड फाइनेंस कंपनी से 57.35 मिलियन डॉलर की आय उन्हें टोकन बिक्री से हुई. इसके साथ ही उनके पास कंपनी में 15.75 अरब गवर्नेंस टोकन भी हैं.

इसके अलावा, इस साल की शुरुआत में ट्रंप द्वारा लॉन्च किया गया एक मीम कॉइन ‘$TRUMP' अकेले ही 320 मिलियन डॉलर की कमाई कर चुका है. हालांकि यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि उसमें ट्रंप की हिस्सेदारी कितनी है या यह राजस्व ट्रंप-नियंत्रित संस्थाओं और साझेदारों में कैसे बंटा है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने एक विश्लेषण के बाद लिखा है कि यह साफ है कि डिजिटल परिसंपत्तियों की दुनिया में ट्रंप परिवार ने अचानक बड़ी छलांग लगाई है.

पर्यवेक्षकों का कहना है कि ट्रंप प्रशासन द्वारा क्रिप्टो पर अपनाई गई उदार नीतियां उन व्यवसायों के लिए फायदेमंद साबित हुईं जिनसे ट्रंप या उनके परिवार का संबंध है. इस कारण एक बार फिर राष्ट्रपति की निजी संपत्तियों और सरकारी नीति निर्धारण के बीच हितों के टकराव के आरोप उभर कर सामने आए हैं.

गोल्फ क्लबों और रियल एस्टेट का मुनाफेदार आधार

ट्रंप के वित्तीय साम्राज्य की नींव आज भी रियल एस्टेट और गोल्फ रिसॉर्ट्स हैं. रिपोर्ट के अनुसार, फ्लोरिडा में स्थित उनके तीन प्रमुख गोल्फ रिसॉर्ट, जुपिटर, डोरल और वेस्ट पाम बीच और निजी क्लब मार-आ-लागो ने मिलकर 217.7 मिलियन डॉलर से ज्यादा की आय दी. अकेले ट्रंप नेशनल डोरल से उन्हें 110.4 मिलियन डॉलर की कमाई हुई, जो किसी एक संपत्ति से होने वाली सबसे बड़ी आय है.

इसके अलावा, ट्रंप ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी कई सौदों से मोटी रकम कमाई है. वियतनाम की एक परियोजना से उन्हें 5 मिलियन डॉलर की लाइसेंस फीस, भारत में एक रियल एस्टेट डील से 10 मिलियन डॉलर की फीस और दुबई के एक आलीशान प्रोजेक्ट से लगभग 16 मिलियन डॉलर की रॉयल्टी आय हुई.

ये आंकड़े बताते हैं कि ट्रंप ब्रांड आज भी वैश्विक बाजार में एक व्यावसायिक ताकत बना हुआ है और डॉनल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति बनने के बाद भी उसका प्रभाव कम नहीं हुआ है.

ब्रांडेड चीजों और एनएफटी से भी कमाई

ट्रंप का ब्रांड सिर्फ इमारतों और गोल्फ क्लबों तक सीमित नहीं रहा. उन्होंने ‘ट्रंप वॉचेस' से 2.8 मिलियन डॉलर, ‘ट्रंप स्नीकर्स एंड फ्रैगरेंस' से 2.5 मिलियन डॉलर, और ‘द ग्रीनवुड बाइबल' से 1.3 मिलियन डॉलर की रॉयल्टी भी दर्ज की.

डिजिटल उत्पादों की बात करें तो, ट्रंप ने अपने एनएफटी ट्रेडिंग कार्ड्स (जिनमें उनके विभिन्न रूपों की तस्वीरें हैं) से 1.16 मिलियन डॉलर कमाए. वहीं, अमेरिका की फर्स्ट लेडी मेलानिया ट्रंप ने अपनी एनएफटी सीरीज से 216,700 डॉलर की कमाई की. रिपोर्ट में यह भी सामने आया कि ट्रंप ने अपने पैसिव इन्वेस्टमेंट जैसे कि ब्लू आउल कैपिटल कॉर्प आदि सरकारी बॉन्ड फंड्स से 12 मिलियन की अतिरिक्त कमाई की.

अधिकतर संपत्तियों और आय की जानकारी सिर्फ रेंज यानी अधिकतम और न्यूनतम सीमा में दी गई है, जिससे वास्तविक मूल्य और अधिक हो सकता है. उदाहरण के लिए, 5 मिलियन डॉलर से अधिक लिखे गए निवेश वास्तव में 50 मिलियन डॉलर भी हो सकते हैं, लेकिन रिपोर्टिंग सीमा के कारण इन्हें न्यूनतम स्तर पर गिना जाता है.

रिपोर्ट यह भी दिखाती है कि राष्ट्रपति बनने के बाद भी ट्रंप का कारोबारी लाभ उन तक सीधे पहुंच रहा है. हालांकि उन्होंने अपने व्यापारिक साम्राज्य को ट्रस्ट में डालने और अपने बच्चों के प्रबंधन में देने की बात कही थी, लेकिन इन खुलासों से यह साफ होता है कि उनकी आय का प्रवाह अब भी उनसे जुड़ा हुआ है. व्हाइट हाउस ने इन खुलासों पर अभी कोई टिप्पणी नहीं की है, लेकिन आलोचक इसे अमेरिकी लोकतंत्र के लिए गंभीर नैतिक चुनौती मान रहे हैं.