
Happy Father's Day 2025 Quotes in Hindi: हर बच्चे के जीवन में माता-पिता का विशेष महत्व होता है. एक बच्चे के जीवन में पिता क्या है? कुछ के लिए वह रोल मॉडल तो कुछ के लिए दोस्त तो कुछ के लिए मार्गदर्शन. हर किसी की जिंदगी में पिता की अलग और विशेष अहमियत होती है. बेटा पापा का सहारा होते हैं तो बेटी उनकी परी होती हैं. पिता के त्याग, समर्पण को सम्मान देने के लिए हर साल जून के तीसरे रविवार को पिता दिवस (Father’s Day) मनाया जाता है. इस साल यह विशेष दिवस 15 जून को मनाया जाएगा. इस अवसर पर पिता को विशेष फील कराने के लिए यहां कुछ इमोशनल कोट्स (Father's Day Emotional Quotes) दिये गये हैं, जिसे अपने पिता को भेज कर उन्हें बताएं कि यह दिन आपके लिए कितना खास है. यह भी पढ़ें: Father’s Day 2025: ‘पिता: रिश्तों की वह नींव, जो दिखाई नहीं देती’, लेकिन पुख्ता आत्मविश्वास का अहसास हर पल कराती है!
1- ‘पिता वह व्यक्ति होता है जिसे आप चाहे कितने भी बड़े हो जाएं, उसका सम्मान करते हैं.’

2- पिता: बेटे का पहला हीरो, बेटी का पहला प्यार.’

3- ‘मुझे अब तक का सबसे बड़ा उपहार भगवान से मिला है, मैं उन्हें पिता कहता हूं.’

4- ‘कोई भी व्यक्ति पिता बन सकता है, लेकिन पिता बनने के लिए किसी खास व्यक्ति की जरूरत होती है.’

5- ‘पिता का प्यार हमेशा के लिए उसके बच्चे के दिल में अंकित हो जाता है.’

6- ‘पिता के गले लगाने की शक्ति उसके जाने के बाद भी लंबे समय तक बनी रहती है.’

7- ‘पिता अपने दिल में ऐसी यादें संजोए रखते हैं जिन्हें उसके बच्चे भूल सकते हैं.’

8- ‘हर महान बच्चे के पीछे एक वाकई अद्भुत पिता होता है.’

9- ‘पिता का प्यार किसी और जैसा नहीं होता - मजबूत, स्थिर और बिना शर्त वाला.’

10- ‘पिता वह होता है जो गिरने से पहले आपको पकड़ना चाहता है लेकिन इसके बजाय आपको उठाता है, आपको दूर करता है और आपको फिर से प्रयास करने देता है.’

गौरतलब है कि फादर्स डे मनाने की शुरुआत अमेरिका के वॉशिंगटन राज्य के स्पोकेन शहर से हुई थी. साल 1910 दरअसल, सोनोरा स्मार्ट डॉड नाम की एक महिला ने साल 1910 में इस दिन की शुरुआत की थी. सोनोरा की मां के निधन के बाद उनके पिता ने अकेले ही अपने बच्चों की परवरिश की थी. ऐसे में अपने पिता से प्रभावित होकर सोनोरा ने फादर्स डे मनाने का फैसला किया. बता दें कि साल 1972 में इसे आधिकारिक मान्यता मिल गई और तब से इस दिवस को दुनिया के कई हिस्सों में जून महीने के तीसरे रविवार को मनाया जाने लगा.