
Vat Purnima 2025 Mehndi Designs: भारत में रहने वाली सुहागन महिलाएं (Married Women) अपने पति की लंबी उम्र के लिए साल में कई व्रत करती हैं, जिनमें से एक है वट सावित्री का व्रत (Vat Savitri), जिसे साल में दो बार रखा जाता है. पहली बार ज्येष्ठ अमावस्या के दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं, जिसे वट सावित्री व्रत कहा जाता है और दूसरी बार ज्येष्ठ पूर्णिमा के दिन व्रत रखा जाता है, जिसे वट पूर्णिमा व्रत (Vat Purnima) कहा जाता है. इन दोनों ही अवसरों पर विवाहित महिलाएं व्रत रखकर, सोलह श्रृंगार करके वट वृक्ष की विधि-विधान से पूजा-अर्चना करती हैं. पूजन के दौरान सावित्री और सत्यवान की कथा सुनी जाती है, साथ ही कच्चा सूत वट वृक्ष को लपेटते हुए महिलाएं उसकी परिक्रमा करते हुए अपने पति की लंबी उम्र, अच्छी सेहत और खुशहाल जीवन की कामना करती हैं. इस साल 10 जून 2025 को वट पूर्णिमा का पर्व मनाया जा रहा है.
वट पूर्णिमा के दिन महिलाएं निर्जल व्रत रखती हैं, नए वस्त्र धारण करते हुए सोलह श्रृंगार करती हैं. अपनी सुंदरता में चार चांद लगाने के लिए महिलाएं अपने हाथों में पिया के नाम की मेहंदी रचाती हैं, क्योंकि इसे शुभता का प्रतीक और सोलह श्रृंगार में से एक माना जाता है. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप भी अपने पिया के नाम की मेहंदी हाथों में रचा सकें, इसलिए हम लेकर आए हैं वट पूर्णिमा स्पेशल मनमोहक मेहंदी डिजाइन्स (Vat Purnima Mehndi Designs), जिन्हें आप ट्राई कर सकती हैं. यह भी पढ़ें: Bakrid 2025 Last Minute Mehndi Designs: बकरीद पर अपने हाथों की सुंदरता में लगाएं चार चांद, देखें झटपट रचने वाले ये आसान मेहंदी डिजाइन्स
वट पूर्णिमा के लिए फुल हैंड मेहंदी डिजाइन
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वट पूर्णिमा के लिए खूबसूरत मेहंदी डिजाइन
वट पूर्णिमा के लिए आसान और सिंपल मेहंदी डिजाइन
वट पूर्णिमा के लिए मनमोहक मेहंदी डिजाइन
वट पूर्णिमा के लिए 4 सुंदर बैक हैंड मेहंदी डिजाइन्स
वट पूर्णिमा स्पेशल ट्रेडिशनल मेहंदी डिजाइन
वट पूर्णिमा के व्रत से जुड़ी कथा के अनुसार, कहा जाता है कि सावित्री यमराज से अपने पति सत्यवान के प्राणों को वापस लेकर आई थीं, इसलिए इसे अखंड सौभाग्य का पर्व माना जाता है. इसके साथ ही मान्यता है कि जब सत्यवान जंगल में मूर्छित होकर गिर पड़े थे, तब सावित्री ने उन्हें वट वृक्ष के नीचे लिटाया था, फिर बांस के पंखे से हवा देकर उन्हें शीतलता प्रदान की थी. उसी परंपरा को स्मरण करते हुए व्रती महिलाएं इस दिन वट वृक्ष का पंखा झलती हैं और फिर अपने पति की दीर्घायु व अखंड सौभाग्य की कामना करती है. पूजन के बाद घर आकर महिलाएं अपने पति के चरण धोती हैं और उन्हें पंखा झलकर उनसे आशीर्वाद प्राप्त करती हैं.