
Bakrid 2025 Last Minute Mehndi Designs: आज (07 जून 2025) पूरे देश में बकरीद का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है, जिसे ईद-उल-अजहा (Eid-al-Adha), ईद उल जुहा, बकरा ईद (Bakra Eid) और कुर्बानी ईद (Qurbani Eid) जैसे नामों से भी जाना जाता है. त्याग और इंसानियत के प्रतीक के तौर पर मनाए जाने वाले इस पर्व को इस्लाम धर्म में कुर्बानी का त्योहार (Festival of Sacrifice) भी कहा जाता है. इस्लामिक चंद्र कैलेंडर के आखिरी महीने 'जुलहिज्जा' की 10वीं तारीख को ईद-उल-अजहा का त्योहार मनाया जाता है, जो कि रमजान खत्म होने के 70 दिन बाद आता है. इस पर्व की कहानी हजरत इब्राहिम से जुड़ी है, जिसमें वे अल्लाह के आदेश पर अपने बेटे हजरत इस्माइल की कुर्बानी देने को तैयार हो गए थे, लेकिन खुदा ने कुर्बानी के वक्त उनके बेटे की जगह कुर्बानी में बकरे को तब्दील कर दिया, इसलिए इस दिन बकरे, भेड़ या किसी अन्य जानवर की कुर्बानी दी जाती है. 'कुर्बानी' बकरीद पर सबसे अहम रस्म होती है, जिसके जरिए संदेश दिया जाता है कि अल्लाह की राह में कुछ भी कुर्बान करने का जज्बा रखना चाहिए.
बकरीद के दिन लोग सुबह नमाज अदा करते हैं और लोग इस दिन नए कपड़े पहनते हैं. एक-दूसरे को 'ईद मुबारक' कहते हैं और तोहफे तथा मिठाइयां बांटते हैं. साथ ही ईद के मौके पर गरीबों को दान किया जाता है. महिलाएं भी सजने-संवरने के साथ-साथ अपने हाथों पर खूबसूरत मेहंदी रचाती हैं. अगर अब तक आपने मेहंदी नहीं रचाई है तो हम आपके लिए लेकर आए हैं लास्ट मिनट क्विक मेहंदी डिजाइन्स, जिन्हें आप झटपट अपने हाथों पर रचा सकती हैं. यह भी पढ़ें: Eid-al-Adha 2025 Mehndi Designs: ईद-उल-अजहा के पर्व को बनाएं यादगार, हाथों पर रचाएं बकरीद स्पेशल मेहंदी डिजाइन्स
खूबसूरत और झटपट रचने वाले आसान डिजाइन्स
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गौरतलब है कि बकरीद के दिन सिर्फ हलाल के तरीके से कमाए हुए पैसों की कुर्बानी जायज मानी जाती है और इसके गोश्त को तीन हिस्सों में बांटा जाता है. पहला हिस्सा गरीबों के लिए होता है, दूसरा हिस्सा दोस्त और रिश्तेदारों के लिए, जबकि तीसरा हिस्सा अपने घर के लिए होता है. ईद-उल-अजहा के दिन ऐसे जानवरों की कुर्बानी जायज मानी जाती है, जो सेहतमंद होते हैं. बकरीद सिर्फ एक धार्मिक त्योहार नहीं, बल्कि खुशियों, मेलजोल और इंसानियत का भी प्रतीक है.