Vaikuntha Chaturdashi 2025 Messages in Hindi: दीपावली (Deepawali) यानी लक्ष्मी पूजन (Lakshmi Pujan) के 15 दिन बाद हर साल कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि को देव दीपावली का त्योहार मनाया जाता है, लेकिन उससे ठीक एक दिन पहले यानी कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी को बैकुंठ चतुर्दशी (Baikuntha Chaturdashi) या वैकुंठ चतुर्दशी (Vaikuntha Chaturdashi) का पर्व मनाया जाता है. इस साल 4 नवंबर 2025 को बैकुंठ चतुर्दशी मनाई जा रही है. यह पर्व वैकुंठाधिपति भगवान विष्णु (Bhagwan Vishnu) और देवों के देव महादेव (Mahadev) को समर्पित है. इस दिन हरि-हर यानी भगवान विष्णु और भगवान शिव की संयुक्त पूजा की जाती है. बैकुंठ चतुर्दशी का नाम भगवान विष्णु के दिव्य निवास स्थान, वैकुंठ धाम से लिया गया है. ऐसी मान्यता है कि इस दिन जो भी व्यक्ति व्रत रखकर भगवान विष्णु और भगवान शिव की पूजा करता है, उसे पापों से मुक्ति मिलती है और मृत्यु के बाद बैकुंठ धाम में स्थान प्राप्त होता है.
बैकुंठ चतुर्दशी साल का एक ऐसा दिन होता है, जब योगनिद्रा से बाहर आए भगवान विष्णु को भगवान शिव से संसार के संचालन का कार्य दोबारा मिलता है. इस दिन व्रत रखकर हरि-हर की पूजा करने से भक्तों के सभी मनोरथ पूर्ण होते हैं. ऐसे में इस पावन अवसर पर आप इन हिंदी मैसेजेस, वॉट्सऐप विशेज, फेसबुक ग्रीटिंग्स, कोट्स के जरिए अपनों को बैकुंठ चतुर्दशी की शुभकामनाएं दे सकते हैं.





बैकुंठ चतुर्दशी के दिन हरि और हर का मिलन होता है. इस दिन भगवान विष्णु की पूजा निशीथकाल में की जाती है, जबकि भगवान शिव की पूजा सुबह के समय की जाती है. इस दिव्य अवसर पर भक्त विष्णु सहस्रनाम, अर्थात भगवान विष्णु के एक हजार नामों का पाठ करते हुए उन्हें एक हजार कमल पुष्प अर्पित करते हैं, उनके साथ-साथ भगवान शिव की विधिवत पूजा-अर्चना की जाती है. इस दिन हरि-हर की पूजा करने से भक्तों को शिव और विष्णु की कृपा एक साथ प्राप्त होती है. इसके अलावा इस दिन किए गए दान, जप आदि का दस यज्ञों के समान फल प्राप्त होता है और भक्तों की सभी मनोकमनाएं पूरी होती हैं.













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