Kojagiri Purnima Moon Sighting Today: कोजागिरी पूर्णिमा का महत्व, जानें चांद निकलने का समय और पूजा मुहूर्त
कोजागिरी पूर्णिमा (Photo: Pixabay)

Kojagiri Purnima Moon Sighting Today: कोजागिरी पूर्णिमा (Kojagiri Purnima) हर साल आश्विन मास की पूर्णिमा को मनाई जाती है. इसलिए इसे आश्विन पूर्णिमा (Ashwin Purnima)  भी कहा जाता है. इस दिन को शरद पूर्णिमा भी कहा जाता है. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस विशेष रात चंद्रमा की किरणों से अमृत की वर्षा होती है, जो तन और मन दोनों को शुद्ध करती है. इसलिए शरद पूर्णिमा की रात चंद्रमा की चांदनी में रखे खीर को खाया जाता है. ऐसा कहा जाता है कि खीर में चांदनी टपकने से इसमें औषधीय गुण आ जाते हैं. ये तन और मन दोनों को शुद्ध करती है. इसके अतिरिक्त, इस पावन अवसर पर दीपक जलाने का भी विशेष महत्व है. कहा जाता है कि शरद पूर्णिमा की रात दीप प्रज्वलित करने से जीवन के सारे कष्ट दूर होते हैं और सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है. यही कारण है कि शरद पूर्णिमा न केवल चंद्रमा की सुंदरतम रात, बल्कि आस्था, आरोग्यता और आध्यात्मिक प्रकाश का उत्सव भी मानी जाती है. यह भी पढ़ें: Kojagiri Purnima Marathi Shubhechha: कोजागिरी पूर्णिमा पर ये WhatsApp Messages और Facebook Greetings भेजकर दें बधाई

शरद पूर्णिमा के दिन चन्द्रमा की पूजा की जाती है. हिंदू परंपरा के अनुसार, नवविवाहित महिलाएं इस दिन से शुरू होने वाले पूरे वर्ष के लिए पूर्णिमा व्रत रखने का संकल्प लेती हैं. इस दिन महिलाएं चांद निकलने के बाद पूरे चांद की पूजा करती हैं.

कोजागिरी पूर्णिमा चांद निकलने का समय

आज शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को चांद 5 बजकर 27 मिनट पर निकलने की संभावना है.

पूर्णिमा तिथि प्रारंभ - 6 अक्टूबर 2025 - दोपहर 12:23 बजे

पूर्णिमा तिथि समाप्त - 7 अक्टूबर 2025 - सुबह 9:16 बजे

शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय - 6 अक्टूबर 2025 - शाम 5:27 बजे

शास्त्रों के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं के साथ उदय होता है और अपनी चांदनी बिखेरता है. शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण की भी पूजा की जाती हैं, क्योंकि उनमें सोलह कलाएं विद्यमान हैं. पूर्णिमा के दिन, माता लक्ष्मी की पूजा की जाती है. शाम को चंद्र देव को अर्घ्य देकर उनकी पूजा करते हैं.