VIDEO: महाराष्ट्र विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान जुन्नर से MLA शरद सोनवणे का अनोखा प्रदर्शन, तेंदुए का कस्ट्यूम पहनकर प्रदेश में बढ़ते हमलों के खिलाफ किया प्रोटेस्ट
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Junnar MLA Sharad Sonawane: महाराष्ट्र में तेंदुए के हमले तेजी के साथ बढ़ रहे हैं.  जिसको लेकर लोग डर के साए में जी रहे हैं. प्रदेश में बढ़ते तेंदुए के हमलो लेकर जुन्नर से निर्दलीय  विधायक शरद सोनवणे (Junnar MLA Sharad Sonawane)  ने बुधवार को नागपुर में चल रहे महाराष्ट्र विधानसभा शीतकालीन सत्र के दौरान तेंदुए का कस्ट्यूम ( leopard Costume) पहनकर पहुंचे. जहां पर विधायक सोनवणे ने प्रदेश में बढ़ते तेंदुए के हमलों के खिलाफ प्रदर्शन किया.

जुन्नर में पिछले 3 महीने में तेंदुए के हमलसे 55 लोगों की मौत

 मीडिया से बातचीत में सोनवणे ने बताया कि उनके क्षेत्र में पिछले तीन महीनों में 55 लोग तेंदुए हमलों में जान गंवा चुके हैं. उन्होंने कहा कि उन्होंने 2014–15 के शीतकालीन सत्र में सरकार को इस समस्या के बारे में चेतावनी दी थी. लेकिन तेंदुओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठाया गया. यह भी पढ़े:  Nagpur Leopard Attack: नागपुर के पारडी इलाके में तेंदुए की दहशत, रिहायशी क्षेत्र में घुसकर 7 लोगों पर किया हमला, कई घायल (Watch Video)

MLA शरद सोनवणे का अनोखा प्रदर्शन

महाराष्ट्र वन मंत्री गणेश नाइक की प्रतिक्रिया

 वहीं एक दिन पहले मंगलवार को  महाराष्ट्र वन मंत्री गणेश नाइक ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से कहा है कि तेंदुओं को इंसानी बस्तियों में प्रवेश करने से रोकने के लिए जंगलों में बड़ी संख्या में बकरियां छोड़ी जाएं. उन्होंने बताया कि अगर तेंदुए हमलों में चार लोगों की मौत होती है, तो राज्य ₹1 करोड़ मुआवजा देता है. इसलिए उन्होंने अधिकारियों से कहा कि मृत्युपरांत मुआवजा देने के बजाय ₹1 करोड़ मूल्य की बकरियां जंगल में छोड़ी जाएं ताकि तेंदुए इंसानी बस्तियों में न आएं,

वन मंत्री ने बताया कि तेंदुओं का व्यवहार और आवास बदल गया है, पहले इन्हें केवल जंगल के जानवर माना जाता था, अब ये गन्ने के खेतों में भी देखने को मिल रहे हैं, अहिल्यनगर, पुणे और नासिक जिलों में तेंदुए हमलों की संख्या सबसे अधिक दर्ज की गई है, मंत्री ने यह भी कहा कि मादा तेंदुए अब अधिक संख्या में चार बच्चों को जन्म दे रही हैं, जिससे उनकी आबादी तेजी से बढ़ रही है,

तेंदुओं की आबादी को रोकने को लेकर मंत्री ने क्या कहा

तेंदुओं की आबादी को नियंत्रित करने के लिए नसबंदी पर राज्य सरकार ने प्रयोगात्मक योजना बनाई है. इसके अलावा, तेंदुओं और बाघों को जंगल के बाहर जाने से रोकने के लिए ताड़ोबा रिजर्व जैसे घने जंगलों के चारों ओर बाँस के पेड़ लगाए जाएंगे. मंत्री ने यह भी कहा कि जंगलों में फलदार पेड़ नहीं बचे हैं, इसलिए शिकार पशु जंगल के बाहर जा रहे हैं.