इंसानों के लिए खगोलीय घटनाएं हमेशा से दुर्लभ और कौतूहल वाली रही हैं. ऐसी ही एक दुर्लभ झलक इस अगस्त माह की एक रात देखने को मिलेगी, जब आम दिनों की तुलना में आकाश सामान्य से ज्यादा काला होगा, और तब चंदामामा की पीली चमक काले रंग में बदल जाएगी. खगोलीय भाषा में इसे ‘ब्लैक मून’ यानी ‘काला चंद्रमा’ कहा जाता है. आधुनिक ज्योतिष और लोककथाओं में इसका अक्सर प्रयोग किया जाता है. इस दुर्लभ घटना को आगामी 23 अगस्त 2025 की रात में देखा जा सकता है. चंद्रमा का यह अलौकिक दृश्य अपने आप में खास होगा. खगोल शास्त्रियों के अनुसार चंद्रमा का यह स्वरूप अगले 2027 तक दोबारा नही देखा जा सकेगा. आइये जानते हैं इस काले चंदामामा को खगोलशास्त्री क्यों खास और दुर्लभ बता रहे हैं,
काले चंदामामा क्यों होंगे खास?
खगोल शास्त्रियों के अनुसार मौसमी ब्लैक मून तब होता है, जब एक ही खगोलीय मौसम में चार नए चंद्रमा होते हैं. चौथे को यह उपाधि दी गई है, जो इसे चंद्र कैलेंडर में एक असामान्य दृश्य बनाती है. ब्लू मून के विपरीत, जो पूर्णिमा चरण से जुड़ा होता है. ब्लैक मून तब दिखाई देता है, जब चंद्रमा पृथ्वी और सूर्य के बीच स्थित होता है, इस कारण यह नंगी आंखों से दिखाई नहीं देता. यह भी पढ़ें : Chanakya Niti 2025: ईश्वर कहां वास करते हैं? अग्नि में, पत्थरों में, ह्रदय में या कण-कण में? जानें क्या कहते हैं चाणक्य!
बता दें कि चंद्रमा 27.3 दिनों में पृथ्वी की एक परिक्रमा पूरी करता है, एक चंद्र वर्ष 354 दिनों का होता है, इसलिए एक वर्ष में चंद्रमा 12.967 बार पृथ्वी की परिक्रमा करता है, जिसे अमूमन लगभग 13 बार कहा जाता है. इस दरमियान लगभग 12 नये चंद्रमा बनते हैं. कभी-कभी समय अनुसार 13 चंद्रमा बनते हैं.
ब्लैक मून का आध्यात्मिक महत्व
चंद्रमा पारंपरिक रूप से स्त्री ऊर्जा का प्रतीक है. ब्लैक मून इस स्त्रीत्व की छिपी, रहस्यमयी शक्ति का प्रतिनिधित्व करता है, जैसे चुप्पी, एवं आंतरिक ज्ञान. कुछ परंपराओं (जैसे पगेनिज्म, विक्का आदि) में ब्लैक मून को जादुई कार्यों के लिए बहुत शक्तिशाली समय माना जाता है, खासकर जब वह किसी महत्वपूर्ण इरादे, शुद्धिकरण या विभाजन के लिए उपयोग किया जाता हो.













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