Black Moon Not Surya Grahan: साल 2024 के अंत में एक दुर्लभ खगोलीय घटना होने जा रही है, जिसे 'ब्लैक मून' कहा जाता है. यह घटना हर साल नहीं होती और लोगों के बीच इसे लेकर कई भ्रम हैं. खासतौर पर, कई लोग इसे सूर्य ग्रहण समझ रहे हैं. ब्लैक मून को सूर्य ग्रहण समझने की गलती न करें. 'ब्लैक मून' और सूर्य ग्रहण में बड़ा अंतर है. आइए, इस घटना और इससे जुड़े तथ्यों को समझते हैं.
क्या है 'ब्लैक मून'?
'ब्लैक मून' उस स्थिति को कहते हैं जब एक ही महीने में दूसरी बार अमावस्या होती है. जैसे, 'ब्लू मून' शब्द का उपयोग एक महीने में दूसरी पूर्णिमा के लिए किया जाता है, वैसे ही 'ब्लैक मून' का उपयोग दूसरी अमावस्या के लिए किया जाता है. यह कोई आधिकारिक खगोलीय नाम नहीं है, लेकिन यह शब्द आमतौर पर इस दुर्लभ घटना का वर्णन करने के लिए उपयोग किया जाता है.
ब्लैक मून के दौरान चंद्रमा, पृथ्वी और सूर्य के बीच आ जाता है, लेकिन चंद्रमा का सूर्य द्वारा प्रकाशित भाग पृथ्वी की ओर नहीं होता, इसलिए इसे देख पाना संभव नहीं होता.
क्या यह सूर्य ग्रहण है?
ब्लैक मून और सूर्य ग्रहण दो अलग-अलग खगोलीय घटनाएं हैं. सूर्य ग्रहण तब होता है जब चंद्रमा सूर्य को ढक लेता है और उसकी रोशनी पृथ्वी तक नहीं पहुंच पाती. जबकि ब्लैक मून अमावस्या है, जो महीने में दूसरी बार होती है और इसमें सूर्य ग्रहण जैसी कोई घटना नहीं होती.
ब्लैक मून 2024 की तारीख और समय
अमेरिका में: 30 दिसंबर 2024
एशिया, अफ्रीका, और यूरोप में: 31 दिसंबर 2024
समय: भारतीय समयानुसार, यह घटना 31 दिसंबर की सुबह 3:57 बजे होगी. हालांकि, इसे नंगी आंखों से देख पाना संभव नहीं होगा, क्योंकि यह एक साधारण अमावस्या की तरह अदृश्य रहेगा.
ब्लैक मून के दौरान आसमान का दृश्य
इस घटना के दौरान चांदनी की कमी के कारण आसमान और भी गहरा हो जाएगा. यह खगोल प्रेमियों के लिए एक बेहतरीन मौका है दूर के तारे, ग्रह, आकाशगंगाएं और अन्य खगोलीय अद्भुत नजारे देखने का.
2025 में खगोलीय घटनाएं
नए साल में दो सूर्य ग्रहण और दो चंद्र ग्रहण होने की संभावना है. इनमें से केवल एक चंद्र ग्रहण भारत में दिखाई देगा.