
उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री और बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती ने अपने भतीजे आकाश आनंद (Akash Anand) को पार्टी से निकाल दिया है. आकाश आनंद को पार्टी से निकाले जाने के बाद राजनीति पार्टियों से उन्हें ऑफर मिलने शुरू हो गए हैं. समाजवादी पार्टी (सपा) के बाद आकाश आनंद को रामदास अठावले (Union Minister Ramdas Athawale) की रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया (RPI) से भी ऑफर मिला है.
RPI से आकाश आनंद को मिला न्योता
मीडिया से बातचीत में केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने कहा कि अगर आकाश आनंद बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर के मिशन को आगे बढ़ाना चाहते हैं, तो उन्हें रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया में शामिल होना चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर आकाश पार्टी में शामिल होते हैं, तो रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया को उत्तर प्रदेश में और मजबूती मिलेगी. यह भी पढ़े: Mayawati Expels Nephew Akash Anand From BSP: बसपा सुप्रीमो मायावती ने भतीजे आकाश आनंद को पार्टी से किया निष्कासित, कहा, ‘अनुशासन ही सबसे बड़ा नियम’
आकाश आनंद को RPI से मिला आफर
#WATCH | Lucknow: On BSP chief Mayawati expelling her nephew Akash Anand from the party, Union Minister Ramdas Athawale says, "...If he (Akash Anand) wants to take forward the mission of Baba Saheb Bhimrao Ambedkar, he should join the Republican Party of India...If he (Akash… pic.twitter.com/gYu7XcwuPT
— ANI (@ANI) March 4, 2025
मायावती ने X पर बताया क्यों पार्टी से निकाला
दरअसल, लखनऊ में पार्टी की एक बैठक के बाद मायवती ने अपने भतीजे को पार्टी से निष्कासित कर दिया. इसके बाद इस फैसले की जानकारी मायवती ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए दी. उन्होंने कहा कि आकाश आनंद को उनके ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में लगातार बने रहने के कारण पार्टी और मूवमेंट के हित में पार्टी से निष्कासित किया गया है. रविवार को मायवती ने आकाश को नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सभी पदों से हटा दिया था.
मायवती ने सोमवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "बीएसपी की ऑल इंडिया बैठक में रविवार को आकाश आनंद को पार्टी हित से अधिक अपने ससुर अशोक सिद्धार्थ के प्रभाव में बने रहने के कारण नेशनल कोऑर्डिनेटर सहित सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया था, जिसका उसे पश्चाताप करके अपनी परिपक्वता दिखानी थी। लेकिन, इसके विपरीत आकाश ने जो अपनी लंबी-चौड़ी प्रतिक्रिया दी है.
आगे मायवती ने कहा कि वह आकाश के पछतावे और राजनीतिक मैच्योरिटी की बजाय उसके ससुर के प्रभाव वाले स्वार्थी, अहंकारी और गैर-मिशनरी रवैये से बचने की सलाह देती हैं.
बसपा प्रमुख ने आगे लिखा, "अतः परमपूज्य बाबा साहेब डॉ. भीमराव अंबेडकर के आत्म-सम्मान और स्वाभिमान आंदोलन के हित में तथा मान्यवर कांशीराम जी की अनुशासन की परंपरा को निभाते हुए आकाश आनंद को उनके ससुर की तरह पार्टी और मूवमेंट के हित में पार्टी से निष्कासित किया जाता है.