Chuck Yeager Fake News Fact Check: सोशल मीडिया पर पाकिस्तान स्थित कुछ प्रोपेगेंडा अकाउंट्स इन दिनों एक झूठा बयान खूब वायरल कर रहे हैं, जिसे मशहूर अमेरिकी एयर फोर्स ऑफिसर चक यीगर से जोड़कर फैलाया जा रहा है. इस फेक कोट में दावा किया गया है कि चक यीगर ने कहा था, "सबसे खराब पाकिस्तानी पायलट भी, मेरे साथ काम करने वाले सबसे अच्छे भारतीय पायलट से बेहतर था." हकीकत यह है कि इस तरह का कोई बयान चक यीगर ने कभी नहीं दिया. न ही इसके समर्थन में कोई विश्वसनीय सबूत मौजूद है. चक यीगर ने अपने करियर में भारतीय वायुसेना के साथ कभी काम भी नहीं किया था.
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पाकिस्तानी प्रोपेगेंडा
"The worst #Pakistani pilot was way better than the best #Indian pilot I worked with"
-The Legend, Chuck Yeager#仮面ライダーガヴ #WilliamEst #InFreennityᦠ #NuNew #emibonnie pic.twitter.com/FVFY3S9unZ
— Ik supporter (@SajjadZ321) August 10, 2025
रिपोर्ट में भारत के साथ काम करने का जिक्र नहीं
पाकिस्तान झुकाव को लेकर विवादों में रहे
nbcnews.com की एक रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी वायुसेना के दिग्गज पायलट चक यीगर को साउंड बैरियर तोड़ने के लिए दुनिया भर में याद किया जाता है, भारत-पाकिस्तान युद्ध 1971 के दौरान पाकिस्तान के प्रति अपने झुकाव के कारण विवादों में भी रहे. उस समय वे पाकिस्तान में अमेरिकी मिलिट्री असिस्टेस एडवाइजरी ग्रुप के प्रमुख थे और वहां की सेना को अमेरिकी हथियारों के इस्तेमाल की ट्रेनिंग दे रहे थे.
timesofindia.com ने बताया जाता है कि युद्ध के दौरान उनका प्रिय विमान नष्ट हो जाने के बाद उन्होंने भारत के प्रति नाराजगी जताई. हालांकि उड़ान के क्षेत्र में उनकी उपलब्धियों को भारत समेत दुनिया भर में सम्मान मिला, लेकिन उनके पाकिस्तान-समर्थक रुख ने कूटनीतिक हलकों में चर्चा और आलोचना दोनों बटोरी.
भारत को बदनाम करने की साजिश
विशेषज्ञों का कहना है कि इस तरह के फर्जी बयानों का मकसद केवल एक ही है – भारत की छवि खराब करना और पाकिस्तान के पक्ष में एक झूठी कहानी गढ़ना. यह सोशल मीडिया प्रोपेगेंडा का एक आम तरीका है, जिसमें फेक कोट, फोटो या वीडियो के जरिए लोगों की सोच को प्रभावित करने की कोशिश की जाती है.
ऐसे मामलों में जरूरी है कि लोग बिना जांचे-परखे किसी भी बयान या खबर को सच मानने से बचें. इंटरनेट पर फैल रही हर जानकारी की पुष्टि विश्वसनीय स्रोतों से करना ही सही तरीका है, ताकि फेक न्यूज और प्रोपेगेंडा के जाल में फंसने से बचा जा सके.













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