सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने गुजरात के पूर्व गृह मंत्री हरेन पांड्या (Haren Pandya) की 2003 में अहमदाबाद (Ahmedabad) में गोली मार कर हत्या किए जाने के मामले में शुक्रवार को 12 व्यक्तियों को दोषी ठहराया. न्यायमूर्ति अरूण मिश्रा की अध्यक्षता वाली पीठ ने गुजरात (Gujarat) हाई कोर्ट के फैसले को चुनौती देने वाली केन्द्रीय जांच ब्यूरो (CBI) और गुजरात सरकार की अपील पर यह फैसला सुनाया. हाई कोर्ट ने इस हत्याकांड में इन सभी दोषियों को हत्या के आरोपों से मुक्त कर दिया था. इस बीच, सुप्रीम कोर्ट ने इस हत्याकांड की न्यायालय की निगरानी में नए सिरे से जांच कराने के लिए गैर सरकारी संगठन सेन्टर फॉर पब्लिक इंटरेस्ट लिटीगेशंस की याचिका खारिज करते हुए उस पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया.
पीठ ने कहा कि इस मामले में अब किसी और याचिका पर विचार नहीं किया जाएगा. गुजरात हाई कोर्ट ने इस हत्याकांड में 12 व्यक्तियों को हत्या के आरोपों से बरी करते हुए इन सभी को आपराधिक साजिश रचने, हत्या का प्रयास करने और आतंकवाद रोकथाम कानून (पोटा) के तहत अपराध के लिए दोषी ठहराने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखा था. यह भी पढ़ें- हरेन पांड्या मर्डर केस: गवाह का दावा, सोहराबुद्दीन ने पूर्व गृह मंत्री को वंजारा के इशारे पर मारा
Supreme Court dismisses with a cost of Rs 50000, a PIL filed by Centre for Public Interest Litigation seeking a fresh, court-monitored probe in the case saying several new facts have emerged recently which required fresh investigation into the murder case. https://t.co/02tVG0lv0X
— ANI (@ANI) July 5, 2019
सीबीआई ने गुजरात हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ अपील की थी. सुप्रीम कोर्ट ने जनवरी में अपील पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. निचली अदालत ने इन दोषियों को पांच साल से लेकर उम्र कैद तक की सजा सुनाई थी.
भाषा इनपुट