PM-WANI योजना क्या है? जानें कौन उठा सकता है इसका फायदा
PM-WANI Scheme

PM-WANI Scheme: प्रधानमंत्री वाई-फाई एक्सेस नेटवर्क इंटरफेस (PM-WANI) योजना की शुरुआत दूरसंचार विभाग (Department of Telecommunication) ने दिसंबर 2020 में की थी. यह योजना डिजिटल इंडिया अभियान को और मजबूत बनाने और गांव-गांव तक सस्ती और आसान इंटरनेट सुविधा पहुंचाने के उद्देश्य से शुरू की गई थी. इसके तहत पूरे देश में पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट्स स्थापित किए जा रहे हैं, ताकि ग्रामीण और शहरी इलाकों में डिजिटल कनेक्टिविटी बढ़ाई जा सके. इस योजना के तहत विशेष रूप से ग्रामीण क्षेत्रों पर ध्यान दिया जा रहा है, जहाँ इंटरनेट की पहुंच अभी भी सीमित है.

योजना का उद्देश्य

इस स्कीम के तहत सरकार का मुख्य उद्देश्य है, कि छोटे और सूक्ष्म उद्यमियों (Micro-Entrepreneurs) को नए रोजगार के अवसर मिलें और शहरी गरीब व ग्रामीण परिवारों को कम लागत में इंटरनेट की सुविधा उपलब्ध हो सके. इसके लिए स्थानीय दुकानों और व्यवसायों को प्रोत्साहित किया जाता है, कि वे अपने ग्राहकों तक सीधे इंटरनेट की सुविधा पहुँचाएँ. इस योजना की खास बात यह है, कि इस योजना के तहत न तो किसी लाइसेंस की आवश्यकता है और न ही रजिस्ट्रेशन शुल्क, जिससे छोटे व्यवसायी आसानी से इसमें शामिल हो सकते हैं.

पीएम-वानियोजना के तहत इंटरनेट का उपयोग कैसे करें?

पीएम-वानिहॉटस्पॉट्स का उपयोग करने के लिए उपयोगकर्ता को एक मोबाइल ऐप जैसे ‘पीएम-वानि वाईफाई’ (PM-WANI WiFi) डाउनलोड करना होगा. इस ऐप में आसपास उपलब्ध वाई-फाई नेटवर्क्स की पूरी सूची दिखाई जाएगी. उपयोगकर्ता इनमें से किसी भी नेटवर्क को चुनकर भुगतान कर सकता है, और तब तक इंटरनेट का उपयोग कर सकता है जब तक उसका बैलेंस समाप्त न हो जाए.

पीएम-वानिका इकोसिस्टम

पीएम-वानिका इकोसिस्टम (Ecosystem) चार मुख्य हिस्सों में बंटा हुआ है. सबसे पहले, पब्लिक डेटा ऑफिस (PDO) वाई-फाई हॉटस्पॉट स्थापित करता है, और उपयोगकर्ताओं को इंटरनेट एक्सेस देता है. इसके बाद, पब्लिक डेटा ऑफिस एग्रीगेटर (PDOA) पीडीओस (PDOs) को ऑथराइजेशन और अकाउंटिंग सेवाएं प्रदान करता है. ऐप प्रोवाइडर मोबाइल ऐप के जरिए उपयोगकर्ताओं को आसपास उपलब्ध हॉटस्पॉट्स की जानकारी दिखाता है, जबकि सेंट्रल रजिस्ट्री का प्रबंधन सेंटर फॉर डेवलपमेंट ऑफ टेलीमैटिक्स (C-DoT) करता है और यह पीडीओस, पीडीओएस (PDOAs) और ऐप प्रोवाइडर्स का डेटा सुरक्षित रखता है.

नवंबर 2022 तक पीएम-वानि सेंट्रल रजिस्ट्री के अनुसार, देश में 136 पीडीओ एग्रीगेटर्स, 83 ऐप प्रोवाइडर्स और 1,32,529 पब्लिक वाई-फाई हॉटस्पॉट्स रजिस्टर्ड हुए थे.

पीएम-वानि योजना के फायदे

पीएम-वानि योजना का यह वाई-फाई नेटवर्क देश में इंटरनेट की पहुंच (Internet Penetration) बढ़ाकर जीडीपी (GDP) में भी सकारात्मक प्रभाव डाल सकता है. इस योजना के जरिए ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट की सुविधा बढ़ाई जा सकती है, जिससे शहर और गांव के बीच डिजिटल अंतर (Digital Divide) कम होगा. साथ ही, यह छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों में नई नौकरियों के अवसर भी पैदा कर सकता है.

सबसे अहम बात यह है, कि पीएम-वानि योजना समाज के वंचित और डिजिटल रूप से पिछड़े वर्गों को सस्ती इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराकर उन्हें डिजिटल दुनिया से जोड़ती है. इस तरह यह योजना न केवल डिजिटल इंडिया मिशन को मजबूत बनाती है, बल्कि देश में डिजिटल कनेक्टिविटी को बढ़ावा देने का भी एक महत्वपूर्ण कदम है.

पीएम-वानि योजना केवल इंटरनेट देने का साधन नहीं है, बल्कि यह भारत की डिजिटल अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने और रोजगार सृजन में योगदान देने वाला एक बड़ा और प्रभावी कदम है.