पंजाब में तबाही की बाढ़, लाखों बेघर, फसलें बर्बाद, 3 लाख से अधिक प्रभावित; Videos में देखें आपदा का मंजर
Punjab Flood | PTI

चंडीगढ़: भीषण बाढ़ ने पंजाब को हिला कर रख दिया है. यह बाढ़ 1988 की बाढ़ से भी ज्यादा खतरनाक बताई जा रही है. इस बाढ़ से करीब 12 जिले बुरी तरह प्रभावित हुए हैं, जहां 1300 से ज्यादा गांव पानी में डूब गए. अब तक 30 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है और 3 लाख से ज्यादा लोगों को अपने घर छोड़ने पड़े. बाढ़ के चलते पंजाब की 3 लाख एकड़ से ज्यादा कृषि भूमि जलमग्न हो चुकी है. धान, कपास और मक्का जैसी प्रमुख फसलें पूरी तरह बर्बाद हो गई हैं. अनुमान है कि 50 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान किसानों को झेलना पड़ा है.

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आपदा से जूझ रहे पंजाब में हजारों परिवार बेघर हो चुके हैं. मवेशी बह गए, घर टूट गए और लोगों के पास रोजमर्रा की जिंदगी के लिए जरूरी सामान भी नहीं बचा. मुख्यमंत्री मान ने कहा कि “1988 की बाढ़ से भी ज्यादा खतरनाक हालात इस बार बने हैं.”

पंजाब में बाढ़ से हालात खराब

बाढ़ आने की वजह: क्यों बिगड़े हालात?

13 अगस्त से हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर में हुई लगातार बारिश ने पंजाब की नदियों सतलुज, ब्यास और रावी को उफान पर ला दिया. डैम भर जाने के कारण पोंग, भाखड़ा और रंजीत सागर बांध से अतिरिक्त पानी छोड़ा गया. इसी वजह से पानी ने गांवों और खेतों में तबाही मचाई.

प्रशासन की जद्दोजहद

एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और सेना लगातार राहत और बचाव कार्य में लगी हुई हैं. अब तक 20,000 से ज्यादा लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया है. जालंधर, अमृतसर, लुधियाना, बरनाला और मानसा जैसे जिले सबसे ज्यादा प्रभावित हुए हैं.

पंजाब के कई इलाके जलमग्न

12 जिले बुरी तरह प्रभावित

राहत पैकेज की मांग

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने बाढ़ प्रभावित इलाकों का दौरा किया और केंद्र सरकार से 60,000 करोड़ रुपये की लंबित राशि जारी करने की मांग दोहराई. उन्होंने कहा कि यह पंजाब का हक है, भीख नहीं. वहीं, राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया ने भी प्रभावित जिलों का जायजा लिया.

प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती

पंजाब इस वक्त अपनी सबसे भयानक प्राकृतिक आपदा से जूझ रहा है. राहत और पुनर्वास की बड़ी चुनौती सरकार और प्रशासन के सामने है.