नई दिल्ली: भारतीय मौसम विभाग (IMD) ने मंगलवार को उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, लद्दाख और हिमाचल प्रदेश के कई हिस्सों में अगले 24 घंटों के लिए फ्लैश फ्लड (अचानक आने वाली बाढ़) की चेतावनी जारी की है. भारी बारिश का सिलसिला लगातार जारी रहने के कारण यह खतरा और बढ़ गया है. अधिकारियों ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि लोगों को सतर्क रहना होगा और अनावश्यक रूप से नदियों, पहाड़ी रास्तों और ढलानों के पास नहीं जाना चाहिए. प्रशासन ने सभी को 'सेफ्टी फर्स्ट' अपनाने की सलाह दी है.
मौसम विभाग के अनुसार, जिन जिलों में फ्लैश फ्लड का खतरा सबसे ज्यादा है, उनमें शामिल हैं:
- उत्तराखंड: अल्मोड़ा, बागेश्वर, चमोली, देहरादून, पौड़ी, पिथौरागढ़, रुद्रप्रयाग, टिहरी, उत्तरकाशी.
- जम्मू-कश्मीर और लद्दाख: अनंतनाग, डोडा, कठुआ, किश्तवार, कुलगाम, पुंछ, रामबन, रियासी, उधमपुर.
- हिमाचल प्रदेश: चंबा, कांगड़ा, किन्नौर, कुल्लू, लाहौल-स्पीति, मंडी, शिमला, सिरमौर.
जम्मू में नदियों का जलस्तर बढ़ा
लगातार बारिश से चेनाब नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. अधिकारियों के अनुसार, यह बढ़ोतरी BHEP जलाशय से पानी छोड़े जाने के बाद और तेज हुई. प्रशासन ने लोगों को चेतावनी दी है कि वे नदियों और नालों के किनारे बिल्कुल न जाएं.
स्कूल बंद, लोगों को सतर्क रहने की सलाह
भारी बारिश के चलते जम्मू और कश्मीर में सरकारी और निजी स्कूल बंद कर दिए गए हैं. मौसम विभाग ने 2 और 3 सितंबर को जम्मू डिवीजन के कई हिस्सों में मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है. खासकर कठुआ, जम्मू, उधमपुर और रियासी जिलों में बहुत भारी बारिश हो सकती है.
सांबा में भूस्खलन और घरों को खतरा
सांबा जिले में भारी बारिश के कारण जमीन धंसाव (Land Subsidence) की घटनाएं सामने आई हैं. जमोड़ा गांव के पास कई घरों में दरारें आ गईं, जिससे प्रशासन को प्रभावित परिवारों को सुरक्षित जगहों पर शिफ्ट करना पड़ा.
भारी तबाही और अब तक का नुकसान
14 अगस्त से अब तक जम्मू-कश्मीर के किश्तवार, कठुआ, रियासी और रामबन जिलों में बादल फटने, भूस्खलन और बाढ़ की घटनाओं में 130 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है और 33 लोग लापता हैं. इनमें 34 श्रद्धालु भी शामिल हैं, जिनकी 26 अगस्त को माता वैष्णो देवी यात्रा मार्ग पर भूस्खलन में जान चली गई.













QuickLY