
8th Pay Commission News: 8वें वेतन आयोग का गठन 2026 तक होने की उम्मीद की जा रही है, क्योंकि जनवरी 2016 में लागू किए गए 7वें वेतन आयोग की सिफारिशें 2025 के अंत में समाप्त होंगी. 7वें वेतन आयोग के गठन से लेकर उसकी सिफारिशें लागू होने में लगभग 22 महीने का समय लगा था. अगर 8वां वेतन आयोग भी इसी तरह का पैटर्न अपनाता है, तो केंद्र के लगभग 50 लाख कर्मचारियों और 65 लाख पेंशनभोगियों के वेतन और भत्तों में वृद्धि करीब दो साल में हो सकती है.
पीएम मोदी ने 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. हालाँकि, अभी तक इस आयोग की स्थापना या इसे अमल में लाने के लिए किसी भी प्रकार की समय सीमा घोषित नहीं की है.
वेतन आयोग कैसे काम करता है?
वेतन आयोग के गठन और संचालन में कई चरण शामिल होते हैं, जिनमें काफी समय लगता है. उदाहरण के लिए, 7वें वेतन आयोग की अध्यक्षता रिटायर्ड न्यायमूर्ति अशोक कुमार माथुर ने की थी, जिसमें विवेक राय और डॉ रथिन रॉय भी सदस्य थे और मीना अग्रवाल सचिव थीं. उनके काम में व्यापक परामर्श करना, डेटा एकत्र करना और मौजूदा वेतन संरचनाओं का विश्लेषण करना शामिल था.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, 7वें वेतन आयोग ने अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने से पहले विभिन्न अधिकारियों, हितधारकों (stakeholders) और अन्य देशों के लोक सेवा आयोगों के साथ 76 से अधिक बैठकें कीं थी. जिसमे आयोग पहले परामर्श लेता है और डेटा एकत्र करता है, मौजूदा वेतन संरचनाओं का विश्लेषण करता है, और कर्मचारी संघों सहित विभिन्न हितधारकों (stakeholders) से मिले इनपुट पर विचार करने के लिए कई बैठकें करता है.
गहन विचार-विमर्श के बाद, आयोग वेतन संरचनाओं, भत्तों और पेंशन वृद्धि के बारे में अपनी सिफारिशों का विवरण देते हुए एक रिपोर्ट तैयार करता है. जिसमे इस पूरी प्रक्रिया में लगभग 2 साल तक का समय लग सकता है, जो कि मुद्दों की जटिलता और आयोग के निष्कर्षों पर निर्भर करता है.
वहीँ, रिपोर्ट तैयार होने के बाद इसे केद्र सरकार को सौंपा जाता है, जहां वित्त मंत्रालय और अन्य विभाग सिफारिशों की जांच करते हैं. वित्त मंत्रालय के तहत व्यय विभाग (Department of Expenditure) द्वारा इन सिफारिशों को लागू किया जाता है.