8th Pay Commission: 7वें और 6वें वेतन आयोग के लागू होने से सरकारी कर्मचारियों को कितना फायदा हुआ? यहां जानें
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8th Pay Commission News : केंद्र सरकार ने हाल ही में लाखों केंद्रीय कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के वेतन को संशोधित करने के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन को मंजूरी दे दी है. केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने बताया कि इसकी सिफारिशें 1 जनवरी, 2026 से लागू होंगी.

यह कदम केंद्रीय बजट 2025 के पेश होने के कुछ ही दिन पहले उठाया गया है. इसका उद्देश्य वेतन को मौजूदा मुद्रास्फ़ीति (Inflation) दरों के साथ समायोजित करना है.

केंद्रीय कर्मचारियों के वेतन में वृद्धि के प्रतिशत को लेकर चल रही अटकलों के बीच 7वें और 6वें वेतन आयोग में हुए प्रमुख बदलाव क्या है, आईये जानते हैं.

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7वां वेतन आयोग

1 जनवरी, 2016 को लागू हुए 7वें वेतन आयोग में फिटमेंट फैक्टर को 2.57 पर सेट किया गया था, जिसका मतलब यह था की इसने केंद्र सरकार के सभी कर्मचारियों के वेतन को 2.57 गुना बढ़ा दिया था.

इसके साथ ही न्यूनतम मूल वेतन को 18,000 रुपये करने की भी सिफारिश की गयी थी, जो कि 6वें वेतन आयोग में 7,000 रुपये थी. न्यूनतम पेंशन भी 6वें वेतन आयोग के तहत 3,500 रुपये से बढ़कर 9,000 रुपये प्रति माह की गई थी.

6वां वेतन आयोग

6वां वेतन आयोग जनवरी 2006 में लागू किया गया था और इसमें फिटमेंट फैक्टर को 1.86 पर सेट किया गया था, जिसमें न्यूनतम मूल वेतन जो 5वें वेतन आयोग में 2,750 रुपये था, उसे 6वें वेतन आयोग में बढ़ाकर 7,000 रुपये कर दिया गया. न्यूनतम पेंशन भी 5वें वेतन आयोग के तहत 1,275 रुपये से बढ़कर 3,500 रुपये प्रति माह हो गई.

8वें वेतन आयोग में कौन-कौन से बदलाव हो सकते हैं?

फ़िलहाल इस संबंध में किसी भी प्रकार की कोई घोषणा अभी तक नहीं की गई है, लेकिन कुछ रिपोर्ट में दावा किया गया है कि 2.28 से 2.86 की सीमा में फिटमेंट फैक्टर को सेट करने का सुझाव दिया जा सकता है, यदि ऐसा हुआ तो न्यूनतम मूल वेतन वर्तमान में जो 18,000 रुपये है वह बढ़कर 41,000 रुपये से 51,480 रुपये के बीच हो सकता है.