Gulmarg Gondola: रोपवे केबल का तार टूटा, हवा में लटके 120 पर्यटक; तकनीकी खराबी के बाद संचालन फिर शुरू (Watch Video)
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Gulmarg Gondola Operations Restored: जम्मू-कश्मीर के गुलमर्ग में एशिया की सबसे ऊंची रोपवे गोंडोला केबल कार का परिचालन सोमवार को उचित सुरक्षा जांच के बाद शुरू कर दिया गया. रविवार शाम आई तकनीकी खराबी के कारण 120 पर्यटक हवा में फंस गए थे. इस घटना ने पर्यटकों के बीच हड़कंप मचा दिया था. हालांकि, समय रहते सभी फंसे पर्यटकों को सुरक्षित नीचे उतार लिया गया. यह हादसा गोंडोला के पहले चरण में हुआ, जो गुलमर्ग बाउल से कोंगडोरी बाउल तक 8,694 फीट की ऊंचाई पर है.

जम्मू-कश्मीर केबल कार कॉरपोरेशन के अनुसार, रविवार शाम करीब 5:30 बजे रोपवे के संचालन में तकनीकी खराबी आ गई थी. पुली से रस्सी फिसलने की वजह से केबल कार रोकनी पड़ी.

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सुरक्षा पर विशेष ध्यान

गोंडोला प्रबंधन ने स्थिति को संभालते हुए 7:10 बजे तक सभी पर्यटकों को सुरक्षित नीचे उतार दिया. पर्यटकों को भरोसा दिलाने के लिए पब्लिक एड्रेस सिस्टम का उपयोग किया गया. अधिकारियों ने कहा कि खराबी ठीक करने के बाद सोमवार को डेढ़ घंटे तक सुरक्षा जांच की गई. जांच के दौरान खाली केबिन चलाकर सिस्टम को दुरुस्त किया गया. गोंडोला प्रबंधन का कहना है कि पर्यटकों की सुरक्षा उनकी प्राथमिकता है. तकनीकी खराबी का पता चलते ही रोपवे को तुरंत रोक दिया जाता है.

एशिया की सबसे ऊंची रोपवे

गुलमर्ग गोंडोला दो चरणों में काम करती है. पहला चरण गुलमर्ग बाउल से कोंगडोरी बाउल तक जाता है, जबकि दूसरा चरण 13,058 फीट की ऊंचाई पर अफरवत पर्वत तक पहुंचता है. यह रोपवे कुल 108 केबिन और 18 टावरों पर आधारित है. गोंडोला संचालन सोमवार को सामान्य रूप से शुरू हो गया. पर्यटन विभाग का कहना है कि इस साल पर्यटकों की संख्या में और वृद्धि होने की उम्मीद है.

पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण

गुलमर्ग, जिसे "फूलों का मैदान" भी कहा जाता है, पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला में स्थित है. यहां की बर्फीली वादियां और गोंडोला राइड पर्यटकों के लिए अद्भुत अनुभव प्रदान करती हैं. गुलमर्ग गोंडोला पश्चिमी हिमालय की खूबसूरत वादियों में स्थित है और पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण है. पिछले साल गोंडोला ने 10 लाख से अधिक पर्यटकों को सफर कराया. यह आंकड़ा 1998 में गोंडोला के शुरू होने के बाद पहली बार दर्ज किया गया.