भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने आज यानी 24 दिसंबर 2025 को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में एक और बड़ी उपलब्धि हासिल की है. इसरो के भारी-भरकम रॉकेट LVM3-M6 ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से सुबह 8:55 बजे उड़ान भरी और अमेरिकी कंपनी 'एएसटी स्पेसमोबाइल' (AST SpaceMobile) के आधुनिक संचार उपग्रह 'ब्लूबर्ड ब्लॉक-2' (BlueBird Block-2) को उसकी निर्धारित कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया.
भारत का सबसे भारी कमर्शियल पेलोड:
यह मिशन भारत के लिए तकनीकी और वाणिज्यिक दोनों लिहाज से बेहद महत्वपूर्ण है. ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 का वजन लगभग 6,100 किलोग्राम (6.1 टन) है. यह इसरो के 'बाहुबली' कहे जाने वाले LVM3 रॉकेट द्वारा अब तक ले जाया गया सबसे वजनी कमर्शियल पेलोड है.इससे पहले नवंबर 2025 में CMS-03 उपग्रह (4,400 किग्रा) को लॉन्च कर इसरो ने रिकॉर्ड बनाया था, जिसे आज के सफल प्रक्षेपण ने पीछे छोड़ दिया है.
सीधे स्मार्टफोन पर मिलेगा 5G इंटरनेट:
ब्लूबर्ड ब्लॉक-2 उपग्रह की सबसे बड़ी विशेषता इसकी 'डायरेक्ट-टू-स्मार्टफोन' तकनीक है. यह उपग्रह पृथ्वी की निचली कक्षा (LEO) में स्थापित होकर बिना किसी विशेष एंटीना या हार्डवेयर के सीधे साधारण स्मार्टफोन्स पर 4G और 5G कनेक्टिविटी प्रदान करेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने इस ऐतिहासिक कदम को सराहा
Powered by India’s youth, our space programme is getting more advanced and impactful.
With LVM3 demonstrating reliable heavy-lift performance, we are strengthening the foundations for future missions such as Gaganyaan, expanding commercial launch services and deepening global… pic.twitter.com/f53SiUXyZr
— Narendra Modi (@narendramodi) December 24, 2025
A significant stride in India’s space sector…
The successful LVM3-M6 launch, placing the heaviest satellite ever launched from Indian soil, the spacecraft of USA, BlueBird Block-2, into its intended orbit, marks a proud milestone in India’s space journey.
It strengthens… pic.twitter.com/AH6aJAyOhi
— Narendra Modi (@narendramodi) December 24, 2025
इस तकनीक से दुनिया के उन सुदूर इलाकों, रेगिस्तानों और समुद्री क्षेत्रों में भी हाई-स्पीड इंटरनेट और वॉयस कॉलिंग संभव हो सकेगी, जहां मोबाइल टावर लगाना मुमकिन नहीं है. यह उपग्रह 223 वर्ग मीटर के विशाल एंटीना (Phased Array) से लैस है, जो इसे अंतरिक्ष में तैनात अब तक का सबसे बड़ा कमर्शियल संचार एंटीना बनाता है.
मिशन की मुख्य विशेषताएं:
रॉकेट: LVM3-M6 (इसरो का सबसे शक्तिशाली तीन चरणों वाला रॉकेट)।
ऊंचाई और वजन: रॉकेट की ऊंचाई 43.5 मीटर और प्रक्षेपण के समय वजन 640 टन।
पेलोड वजन: 6,100 किलोग्राम।
कक्षा: पृथ्वी से लगभग 520 किलोमीटर ऊपर सर्कुलर लो अर्थ ऑर्बिट (LEO)
क्षमता: यह पिछले मॉडलों की तुलना में 10 गुना अधिक बैंडविड्थ और 120 Mbps तक की स्पीड देने में सक्षम है।
वैश्विक कमर्शियल मार्केट में बढ़ता दबदबा:
यह प्रक्षेपण इसरो की कमर्शियल शाखा 'न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड' (NSIL) और अमेरिकी कंपनी एएसटी स्पेसमोबाइल के बीच हुए एक बड़े समझौते का हिस्सा है। इस सफल मिशन ने एक बार फिर साबित कर दिया है कि इसरो दुनिया भर की निजी कंपनियों के लिए भारी उपग्रहों को सटीक और किफायती तरीके से लॉन्च करने वाला एक विश्वसनीय केंद्र बन गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी इस सफलता पर इसरो की टीम को बधाई देते हुए इसे अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक "महत्वपूर्ण मील का पत्थर" बताया है













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