हमें लेक्चर ना दें... अयोध्या राम मंदिर के धर्म ध्वज पर कमेंट को लेकर भारत ने पाकिस्तान को सुनाई खरी-खरी
Dhwajarohan at Ram Mandir | X

अयोध्या के राम मंदिर पर पवित्र ध्वज फहराए जाने को लेकर पाकिस्तान के बयान पर भारत ने कड़ी आपत्ति जताई है. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रंधीर जायसवाल ने कहा कि पाकिस्तान जैसे देश, जिसका अल्पसंख्यकों के प्रति बुरे व्यवहार का इतिहास बेहद काला रहा है, उसे दूसरों को उपदेश देने का कोई नैतिक अधिकार नहीं है. मंगलवार को पाकिस्तान ने अपने विदेश मंत्रालय के बयान में राम मंदिर पर ध्वज फहराने को “इस्लामोफोबिया” और “विरासत विध्वंस” से जोड़ते हुए आलोचना की थी. इस पर प्रतिक्रिया देते हुए भारत ने इसे “घोर असत्य, दुर्भावनापूर्ण और तिरस्कार योग्य” बताया.

जायसवाल ने कहा, “पाकिस्तान का रिकॉर्ड धार्मिक कट्टरता, दमन और अल्पसंख्यकों के साथ अत्याचारों से भरा हुआ है. ऐसे देश को किसी भी तरह की नैतिक टिप्पणी करने का अधिकार नहीं.”

भारत का सीधा संदेश: ‘अपने घर में झांक कर देखें पाकिस्तान’

विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान को आईना दिखाते हुए कहा कि उसे भारत पर उंगली उठाने से पहले अपने देश में मानवाधिकार और अल्पसंख्यकों की बदतर हालत को ठीक करना चाहिए.

भारत ने साफ शब्दों में कहा, “पाखंड भरे उपदेश देने के बजाय पाकिस्तान अपने गिरते मानवाधिकार रिकॉर्ड पर नजर डाले.”

ध्वजारोहण को लेकर पाकिस्तान का राजनीतिक प्रोपेगेंडा

मंगलवार को अयोध्या में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राम मंदिर के ऊपर पवित्र भगवा ध्वज फहराया था. यह कार्यक्रम मंदिर के प्राण-प्रतिष्ठा के एक साल बाद हुए औपचारिक समापन का प्रतीक था. इसके बाद पाकिस्तान ने इस समारोह को 1992 की बाबरी मस्जिद घटना से जोड़ने की कोशिश की और इसे भारत में अल्पसंख्यकों पर दबाव का “नया पैटर्न” बताया. पाकिस्तान ने यहां तक कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र को भारत के खिलाफ हस्तक्षेप करना चाहिए.

भारत ने किया पाकिस्तान के आरोपों को सिरे से खारिज

भारत ने पाकिस्तान के आरोपों को पूरी तरह खारिज करते हुए इसे “ढोंग, झूठ और राजनीतिक दुर्भावना” बताया. भारत ने कहा कि राम मंदिर का ध्वजारोहण देश के एक वैध, शांतिपूर्ण और धार्मिक समारोह का हिस्सा था, जिसका पाकिस्तान की राजनीति या उसके प्रचार से कोई संबंध नहीं.