Simpl's Payment Service Suspended: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने बेंगलुरु स्थित फिनटेक कंपनी Simpl को सभी पेमेंट ऑपरेशन तुरंत रोकने का निर्देश दिया है. RBI ने कहा कि कंपनी बिना आवश्यक लाइसेंस के पेमेंट, क्लियरिंग और सेटलमेंट ऑपरेशन जला रही थी, जो पेमेंट और सेटलमेंट सिस्टम (PSS) एक्ट, 2007 का उल्लंघन है. Simpl की संस्थापक और सीईओ, नित्या शर्मा ने आदेश की पुष्टि की. उन्होंने कहा कि उन्हें सच में नोटिस मिला है और अब वे स्थिति को समझने और RBI से स्पष्टीकरण मांगने की कोशिश कर रही हैं.
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ED) ने Simpl पर लगाया है गंभीर आरोप
गौरतलब है कि जुलाई 2024 में, प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने Simpl और उसके संस्थापक पर विदेशी निवेश नियमों (Foreign Investment Regulations) का उल्लंघन करने का आरोप लगाया था. ED ने कंपनी पर FEMA अधिनियम, 1999 के तहत ₹913 करोड़ से अधिक की अनियमितताओं का आरोप लगाया था. हालाँकि, शर्मा का कहना है कि RBI की हालिया कार्रवाई उस मामले से संबंधित नहीं है.
Simpl का बिजनेस मॉडल आखिर क्या है?
2015 में स्थापित, Simpl खुद को एक Payment Utility Platform बताता है. यह कस्टमर को हर बार कार्ड या UPI विवरण दर्ज किए बिना तुरंत चेकआउट करने की सुविधा देता है. यूजर्स को खरीदारी के बाद 15 दिनों का क्रेडिट पीरियड मिलता है, जिसके दौरान वे बिना किसी ब्याज के भुगतान कर सकते हैं.
कंपनी का बिजनेस मॉडल पुराने जमाने की "Account system" जैसा है. ग्राहकों से सीधे कमाई करने के बजाय, Simpl व्यापारियों से कार्ड नेटवर्क द्वारा लगाए जाने वाले "Merchant Discount Rate" (MDR) के समान शुल्क लेता है. इसके अतिरिक्त, कंपनी को उपभोक्ता खर्च और पुनर्भुगतान आदतों (Consumer Spending and Repayment Habits) का डेटा भी मिलता है.
Simpl के पास 70 लाख से ज्यादा यूजर्स
Simpl वर्तमान में जोमैटो, बिगबास्केट और रैपिडो जैसे प्रमुख प्लेटफॉर्म के साथ काम करता है. यह 26,000 से ज्यादा व्यापारियों को सर्विस प्रदान करता है. इसके 70 लाख से ज्यादा यूजर्स हैं और इसने अब तक 83 मिलियन डॉलर से ज्यादा का फंड जुटाया है.
Simpl पर RBI ने क्यों बढ़ाई सख्ती?
पिछले कुछ समय से, RBI पेमेंट स्टार्टअप्स पर अपनी पकड़ मजबूत कर रहा है. हाल ही में, सेंट्रल बैंक ने पेमेंट एग्रीगेटर्स के लिए नए दिशानिर्देश जारी किए हैं, जिससे ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों कंपनियों पर कड़े नियम लागू हो गए हैं.
बिजनेस विशेषज्ञों का कहना है कि भारत में ज्यादातर बीएनपीएल (अभी खरीदें, बाद में भुगतान करें) स्टार्टअप या तो NBFC License के तहत काम करते हैं या बैंकों के लिए Loan Service Providers के रूप में काम करते हैं. यही वजह है कि Simpl का मॉडल आरबीआई की जांच के दायरे में आ गया है.












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