देहरादून, 23 फरवरी उत्तराखंड के टिहरी जिले के कीर्तिनगर वन क्षेत्र में बृहस्पतिवार को तेंदुए के हमले की तीन अलग-अलग घटनाओं में पांच महिलाएं घायल हो गईं, जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वन विभाग को इस तरह की घटनाएं रोकने के लिए एक प्रभावी कार्ययोजना तैयार करने का निर्देश दिया।
राज्य में जंगली जानवरों के हमले की बढ़ती घटनाओं पर चिंता व्यक्त करते हुये मुख्यमंत्री ने कहा कि विभाग प्रभावित इलाकों में चौबीसों घंटे सतर्क रहे।
उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में प्रशिक्षित वनकर्मियों के एक त्वरित प्रतिक्रिया दल (क्यूआरटी) का गठन किया जाना चाहिए और उसे तुरंत मौके पर भेजा जाना चाहिए।
उन्होंने कहा कि जंगली जानवरों को आबादी वाले इलाकों में घुसने से रोकने के लिए उन गांवों और जंगलों की सीमाओं पर तार की बाड़ लगायी जानी चाहिए जहां तेंदुओं के छिपे होने की सूचना है।
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘ काफी समय से देखा जा रहा है कि राज्य के विभिन्न हिस्सों में जंगली जानवरों के हमलों को रोकने में वन विभाग असहाय होता जा रहा है।’’
टिहरी जिले के नैथाणा चौरास गांव में बृहस्पतिवार को 11 महिलाओं के एक समूह पर तेंदुए ने हमला कर दिया, जिसमें तीन महिलाएं घायल हो गईं और उन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। इसके अलावा बाकी महिलाओं को विभाग की क्यूआरटी ने सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया।
उसी दिन डांग गांव में तेंदुए के हमले में 90 वर्षीय महिला और पैनुला गांव में 60 वर्षीय महिला घायल हो गई।
नरेंद्रनगर प्रभागीय वन अधिकारी अमित कंवर ने बताया कि ये सभी गांव कीर्तिनगर वन क्षेत्र में स्थित हैं और ऐसा लगता है कि घायल महिलाओं पर एक ही तेंदुए ने हमला किया है।
उन्होंने बताया कि कीर्तिनगर वन क्षेत्र में गश्त बढ़ा दी गई है और ग्रामीणों को जंगली जानवरों से बचने के लिए सतर्क रहने को कहा गया है।
कंवर ने बताया कि संभवत: ऐसा हो सकता है कि तेंदुआ बीमार हो और आत्मरक्षा में लोगों पर हमला किया हो।
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