श्रीलंका इस वक्त कुदरत के सबसे भयानक गुस्से का सामना कर रहा है. 'दितवाह' (Ditwah) चक्रवात ने वहां ऐसी तबाही मचाई है, जैसी पिछले 20 सालों में कभी नहीं देखी गई. चारों तरफ सिर्फ पानी, बर्बादी और लोगों की चीख-पुकार सुनाई दे रही है.
इस महाविनाश में अब तक 132 लोगों की दर्दनाक मौत हो चुकी है. दिल दहलाने वाली बात यह है कि 176 लोग अभी भी लापता हैं, जिनका मलबे और पानी के बीच कोई अता-पता नहीं चल रहा है.
लगातार हो रही मूसलाधार बारिश और बाढ़ ने श्रीलंका का नक्शा ही बदल दिया है. करीब 44,000 लोग बेघर हो गए हैं. उनके हंसते-खेलते घर ताश के पत्तों की तरह बिखर गए या पानी में डूब गए. मजबूरी में इन हजारों लोगों को सरकारी राहत शिविरों (Welfare Centers) में पनाह लेनी पड़ी है. हालात की गंभीरता को देखते हुए राष्ट्रपति अनुरा कुमार दिसानायके ने 28 नवंबर से पूरे देश में पब्लिक इमरजेंसी (आपातकाल) घोषित कर दी है.
सेना और हेलीकॉप्टर से रेस्क्यू
बाढ़ का विकराल रूप ऐसा है कि मदद के लिए सेना (Army), वायु सेना और नेवी को मैदान में उतारना पड़ा है. बाढ़ के बीच टापू बने घरों में फंसे लोगों को निकालने के लिए मिलिट्री हेलीकॉप्टर और नावों का इस्तेमाल किया जा रहा है. मौसम विभाग ने चेतावनी दी है कि सबरागामुवा और पश्चिमी प्रांतों में अभी भी भारी बारिश हो सकती है. केलानी और महावेली जैसी नदियां खतरे के निशान को पार कर चुकी हैं और 'क्रिटिकल फ्लड लेवल' पर हैं.
भारत ने बढ़ाया मदद का हाथ
मुसीबत की इस घड़ी में भारत अपने पड़ोसी के साथ मजबूती से खड़ा है. शनिवार सुबह भारत से एक विशेष विमान मदद लेकर श्रीलंका पहुंचा. इसमें टेंट, कंबल, हाइजीन किट और खाने का सामान भेजा गया है. श्रीलंका सरकार ने विदेशों में रहने वाले अपने नागरिकों और अन्य देशों से भी मदद की गुहार लगाई है.
अब भारत के तमिलनाडु पर खतरा
श्रीलंका को तहस-नहस करने के बाद, अब यह तूफान उत्तर की ओर यानी भारत के तमिलनाडु की तरफ बढ़ रहा है. तमिलनाडु के तटीय इलाकों में इसका असर दिखना शुरू हो गया है और भारी बारिश हो रही है. प्रशासन ने स्थानीय लोगों और पर्यटकों के लिए सख्त चेतावनी जारी कर दी है.
सब कुछ ठप, पीने के पानी के लिए तरसे लोग
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बिजली-पानी बंद: कई इलाकों में बिजली के खंभे उखड़ गए हैं. कुओं में बाढ़ का गंदा पानी भर जाने से पीने के पानी का संकट खड़ा हो गया है और बीमारियों का खतरा मंडरा रहा है.
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संपर्क टूटा: देश के कई हिस्सों में मोबाइल नेटवर्क और इंटरनेट सेवाएं पूरी तरह ठप हो गई हैं.
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बाजार बंद: कोलंबो शेयर बाजार और संसद में बजट पर होने वाली बहस को भी रोक दिया गया है. स्कूल और सरकारी दफ्तर अनिश्चितकाल के लिए बंद हैं.













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