क्या है 'मंकी बी वायरस' जिसके कारण चीन में एक चिकित्सक की मौत हुई? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

चीन में एक पशु चिकित्सक की एक रेयर बीमारी मंकी बी वायरस से मौत हो गई है. बीजिंग स्थित यह पशु चिकित्सक एक बंदर के संपर्क में आया था. दरअसल उसने एक माह पूर्व ही दो मृत बंदरों का डिसेक्ट किया था. बंदरों से संक्रमित होने के बाद उसने कई अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन 27 मई को संक्रमण के कारण उसकी मृत्यु हो गई

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क्या है 'मंकी बी वायरस' जिसके कारण चीन में एक चिकित्सक की मौत हुई? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय

चीन में एक पशु चिकित्सक की एक रेयर बीमारी मंकी बी वायरस से मौत हो गई है. बीजिंग स्थित यह पशु चिकित्सक एक बंदर के संपर्क में आया था. दरअसल उसने एक माह पूर्व ही दो मृत बंदरों का डिसेक्ट किया था. बंदरों से संक्रमित होने के बाद उसने कई अस्पतालों में इलाज करवाया, लेकिन 27 मई को संक्रमण के कारण उसकी मृत्यु हो गई

विदेश Rajesh Srivastav|
क्या है 'मंकी बी वायरस' जिसके कारण चीन में एक चिकित्सक की मौत हुई? जानें इसके लक्षण और बचाव के उपाय
प्रतिकात्मक तस्वीर (Photo Credits: Instagram)

नई दिल्ली: चीन में एक पशु चिकित्सक की एक रेयर बीमारी मंकी बी वायरस (Monkey B virus) से मौत हो गई है. बीजिंग स्थित यह पशु चिकित्सक एक बंदर के संपर्क में आया था. दरअसल उसने एक माह पूर्व ही दो मृत बंदरों का डिसेक्ट किया था. बंinaक्रमण के कारण उसकी मृत्यु हो गई. चीन सीडीसी इंग्लिश वीकली के माध्यम से चाइनीज सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन ने हाल ही में खुलासा किया.

यह चीन के BV में पहला मानव संक्रमण का मामला देखा गया है. आखिर मंकी B वाइरस क्या है. यहां संक्रमण के लक्षण से लेकर रोकथाम तक की विस्तार पूर्वक जानकारी दी जा रही है, जिसकी जानकारी हर व्यक्ति को होनी चाहिए. यह भी पढ़े: Monkey B Virus in China: कोविड महामारी के बीच नई मुसीबत, मंकी बी वायरस से संक्रमित चीनी पशु चिकित्सक की मौत, संपर्क में आए लोग नेगेटिव

मंकी B वायरस क्या है?

यह हरपीज-B या B वाइरस के रूप में भी जाना जाता है. मंकी B वाइरस को शुरु में 1932 में आइसोलेट किया गया था. यह एक अल्फा हर्पीस वाइरस एनुजुटिक है. यह वायरस अमूमन मकाक बंदरों में पाया जाता है. इसीलिए इसे मंकी B वाइरस कहा जाता है. B-वाइरस संक्रमण की मृत्यु दर 70 से 80 प्रतिशत है.

संचरण: (Transmission)

यूएस सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन (US Centre for Disease Control and Prevention) या CDC के अनुसार संक्रमित मकाक बंदर मंकी B वायरस को इंसानों तक पहुंचा सकते हैं. संक्रमितों में वायरस पाया जा सकता है. बंदरों की लार, मल, मूत्र, मस्तिष्क अथवा रीढ़ की हड्डी के ऊतक (Tissue) आदि से वायरस से संक्रमित होता है. बंदरों द्वारा काटे जाने या खरोचने से यह वायरस फैल सकता है. अगर किसी संक्रमित बंदर के टिश्यू या तरल पदार्थ आपकी कटी त्वचा अथवा आंख, नाक एवं मुंह के संपर्क में आती है तो आप वायरस से संक्रमित हो सकते हैं.

मंकी B वायरस संक्रमण के लक्षण?

मंकी B वायरस के लक्षणों में बुखार एवं ठंड लगना, मांसपेशियों में दर्द, थकान और सिरदर्द इत्यादि होते हैं. संक्रमित व्यक्ति के घाव अथवा उसके शरीर के उस हिस्से में छोटे-छोटे छाले हो सकते हैं, जो बंदर के संपर्क में आये थे. इसके अलावा अन्य लक्षणों में सांस की तकलीफ, मिचली आना, उल्टी, पेट में दर्द और हिचकी इत्यादि भी हो सकते हैं. यही B वायरस फैलता है तो यह मस्तिष्क और रीढ़ की हड्डी की सूजन का कारण बनता है, इससे मृत्यु भी हो सकती है.

रोकथाम और उपचार:

फिलहाल मंकी B वायरस के संक्रमण के रोकथाम के लिए टीके उपलब्ध नहीं हैं. यदि आप ऐसी जगह हैं, जहां मकाक बंदर रहते हों तो उनसे दूर रहना चाहिए ताकि उनके काटने एवं खरोंचने आदि से सुरक्षित रहें, और यदि आप मकाक बंदरों के संपर्क में आ ही गये हैं तो आपको अपने शरीर के घाव या प्रभावित हिस्से को साबुन, डिटर्जेंट अथवा आयोडीन से 15 मिनट तक अच्छी तरह से धोकर साफ करें. इसके पश्चात अमुक हिस्से पर 15 से 20 मिनट तक पानी डालते रहें, साथ ही यथाशीघ्र चिकित्सा सहायता प्राप्त करें.

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