भारत में Aadhar Card, तो पाकिस्तान में क्या? जानिए पड़ोसी मुल्क में कैसे साबित होती है नागरिकता?
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Citizenship Documents in Pakistan: जब भी हम नागरिकता की बात करते हैं, तो सबसे पहला सवाल यही उठता है कि कोई कैसे साबित करे कि वो किसी देश का नागरिक है? भारत में तो वोटर आईडी, पासपोर्ट या जन्म प्रमाणपत्र जैसे कई दस्तावेज हैं, जो नागरिकता साबित करने में मदद करते हैं. लेकिन पाकिस्तान में ऐसा नहीं है. वहां सिर्फ एक दस्तावेज से आपकी नागरिकता तय होती है, जिसका नाम है CNIC यानी कंप्यूटराइज्ड नेशनल आइडेंटिटी कार्ड. यह कार्ड पाकिस्तान में 18 साल की उम्र के बाद हर नागरिक को बनवाना अनिवार्य होता है.

इसे पाकिस्तान की नेशनल डेटाबेस एंड रजिस्ट्रेशन अथॉरिटी (NADRA) जारी करती है. ये एक ऐसा कार्ड है जिसमें व्यक्ति का नाम, फोटो, परिवार से जुड़ी डिटेल्स और एक यूनिक नंबर होता है.

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पुलिस चेकिंग में भी CNIC जरूरी

अगर आप पाकिस्तान में किसी सरकारी दफ्तर में कोई काम करवाने जाते हैं, किसी योजना का लाभ लेना चाहते हैं, या फिर सिर्फ अपनी पहचान दिखानी हो.  हर जगह CNIC दिखाना जरूरी होता है. साफ कहें तो CNIC के बिना पाकिस्तान में आप कुछ भी नहीं कर सकते. न नौकरी मिलती है, न बैंक अकाउंट खुलता है और न ही सरकारी योजनाओं का लाभ मिलता है. यहां तक कि पुलिस चेकिंग में भी अगर CNIC न दिखाएं तो मुसीबत हो सकती है.

नागरिकता साबित करने के अन्य विकल्प

हालांकि, व्यक्ति की विशिष्ट स्थिति और दावे के आधार पर नागरिकता साबित करने की प्रक्रिया भिन्न हो सकती है. NADRA इन प्रक्रियाओं में केंद्रीय भूमिका निभाता है. पाकिस्तान में नागरिकता साबित करने के लिए कई अन्य कानूनी प्रावधान और प्रक्रियाएं भी हैं. इसमें विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों की आवश्यकता होती है, जो व्यक्ति की पहचान और राष्ट्रीयता स्थापित करने में मदद करते हैं.

  • जन्म प्रमाण पत्र: यह व्यक्ति के जन्म स्थान और माता-पिता की नागरिकता को दर्शाता है, जो नागरिकता स्थापित करने में सहायक होता है, खासकर कम उम्र के व्यक्तियों के लिए.
  • पासपोर्ट: पाकिस्तानी पासपोर्ट भी नागरिकता का एक वैध प्रमाण है.
  • डोमिसाइल सर्टिफिकेट: यह प्रमाण पत्र किसी विशेष शहर या प्रांत में व्यक्ति के स्थायी निवास को दर्शाता है.
  • वंशावली रिकॉर्ड: कुछ मामलों में, पैतृक भूमि रिकॉर्ड या परिवार के सदस्यों की नागरिकता के प्रमाण भी सहायक हो सकते हैं.
  • नागरिकता अधिनियम, 1951: पाकिस्तान नागरिकता अधिनियम, 1951 नागरिकता प्राप्त करने और साबित करने के विभिन्न तरीकों को परिभाषित करता है, जिसमें जन्म से नागरिकता, वंश से नागरिकता, प्राकृतिककरण द्वारा नागरिकता, और विवाह द्वारा नागरिकता शामिल है.
  • विशेष परिस्थितियां: कुछ विशेष मामलों में, जैसे कि विभाजन के बाद भारत से आए लोगों के लिए, या यदि किसी व्यक्ति की नागरिकता संदिग्ध हो, तो अतिरिक्त जांच और दस्तावेज़ीकरण की आवश्यकता हो सकती है.

रिफ्यूजी और बिना दस्तावेज के लोग परेशान

पाकिस्तान में बहुत से अफगानी और बांग्लादेशी शरणार्थी हैं, जिनके पास CNIC नहीं है. नतीजा ये कि उन्हें हर जगह शक की निगाह से देखा जाता है और सरकार की सुविधाओं से भी वंचित रहना पड़ता है.

पाकिस्तानी नागरिकता कैसे मिलती है?

अगर कोई व्यक्ति पाकिस्तान का नागरिक नहीं है और वहां की नागरिकता चाहता है, तो उसे कुछ जरूरी शर्तें पूरी करनी होती हैं:

  • पाकिस्तान में लगातार कानूनी रूप से कुछ सालों तक रहना
  • कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं होना
  • पुलिस वेरिफिकेशन पास करना
  • शादी के आधार पर भी नागरिकता: अगर किसी विदेशी की शादी किसी पाकिस्तानी से हुई है और वे कम से कम दो साल से साथ रह रहे हैं, तो आवेदन किया जा सकता है.

हालांकि, ये सभी आवेदन इंटीरियर मिनिस्ट्री के पास जाते हैं और फाइनल फैसला वही करती है.