Air India Plane Crash Investigation: 12 जून 2025 को हुए एयर इंडिया की फ्लाइट 171 के दर्दनाक हादसे के बाद अब जांच को लेकर नई बहस छिड़ गई है. हादसे की जांच कर रही एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इन्वेस्टिगेशन ब्यूरो (AAIB) की शुरुआती रिपोर्ट पर पायलटों के संगठन ALPA इंडिया ने कड़ी आपत्ति जताई है. उनका कहना है कि रिपोर्ट से ऐसा लग रहा है मानो जांचकर्ताओं ने पहले ही तय कर लिया हो कि गलती पायलट्स की ही है. ALPA के प्रमुख कैप्टन सैम थॉमस ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि रिपोर्ट से कई सवाल खड़े हो रहे हैं. उन्होंने कहा कि बिना दस्तखत के रिपोर्ट लीक होना भी अपने आप में संदेहास्पद है. रिपोर्ट से जवाब कम और उलझनें ज्यादा बढ़ गई हैं.
Air India हादसे की जांच पर उठे सवाल
On Aircraft Accident Investigation Bureau's Preliminary Report on 12th June AI 171 crash, Airline Pilots' Association of India says, "The tone and direction of the investigation suggest a bias toward pilot error. We categorically reject this presumption and insist on a fair,… pic.twitter.com/sYh5TW9HwC
— ANI (@ANI) July 12, 2025
पायलट्स का अनुभव और सवाल
ड्रीमलाइनर विमान को उड़ाने वाले कैप्टन सुमीत सभरवाल और फर्स्ट ऑफिसर क्लाइव कुंदर दोनों अनुभवी पायलट थे. कैप्टन के पास 15,000 घंटे से ज्यादा का उड़ान अनुभव था, वहीं कुंदर के पास 3,400 घंटे की फ्लाइंग थी. ऐसे में हादसे के पीछे तकनीकी गड़बड़ी की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता.
रिपोर्ट में क्या कहा गया?
AAIB की रिपोर्ट के मुताबिक, टेकऑफ के कुछ ही सेकंड बाद विमान के दोनों इंजन "RUN" से "CUTOFF" मोड में चले गए. CVR रिकॉर्डिंग में एक पायलट दूसरे से पूछता है, "तुमने फ्यूल क्यों बंद किया?" जवाब में दूसरा कहता है, "मैंने कुछ नहीं किया."
हालांकि यह साफ नहीं है कि ये स्विच जानबूझकर बदले गए या तकनीकी कारणों से. रिपोर्ट में फ्यूल कंट्रोल सिस्टम में गड़बड़ी की आशंका भी जताई गई है.
ALPA की आपत्तियां क्या हैं?
- जांच शुरू होने से पहले ही पायलटों को दोषी मान लिया गया है.
- जांच में पारदर्शिता नहीं है, हर बात गोपनीय रखी जा रही है.
- तकनीकी विशेषज्ञों को जांच में शामिल नहीं किया गया.
- रिपोर्ट बिना किसी अधिकारी के हस्ताक्षर के लीक हुई, जो चिंताजनक है.
ALPA ने यह भी मांग की है कि पायलटों के प्रतिनिधियों को जांच में पर्यवेक्षक के रूप में जोड़ा जाए ताकि निष्पक्षता बनी रहे.
सरकार की क्या प्रतिक्रिया है?
नागरिक उड्डयन मंत्री राम मोहन नायडू ने मीडिया से अपील की है कि जब तक अंतिम रिपोर्ट न आ जाए, किसी निष्कर्ष पर न पहुंचा जाए. उन्होंने कहा कि उन्हें भारतीय पायलटों पर पूरा भरोसा है और हादसे की गंभीरता को देखते हुए पूरी जांच का इंतजार जरूरी है.
इस पूरे मामले में एक बात साफ है—जहां एक ओर हादसे की सच्चाई सामने लाना जरूरी है, वहीं दूसरी ओर निष्पक्ष और पारदर्शी जांच भी उतनी ही अहम है.













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