
खगोल वैज्ञानिकों को चिली के रेगिस्तान में बढ़ती रोशनी से खतरा महसूस हो रहा है. सबसे अंधेरी जगहों में से एक इस रेगिस्तन से आसमान को देखा जाता है.दक्षिण अमेरिकी देश चिली के अछूते, अंधेरे रेगिस्तानी आकाश खगोल वैज्ञानिकों के लिए जन्नत हैं. वे आसमान को, उसके सितारों को देखने के लिए वहां जाते हैं. दुनिया की सबसे शक्तिशाली दूरबीनों में से एक भी वहीं है. लेकिन शहरी और औद्योगिक विकास से यह जगह खतरे में आ सकती है. खगोलविदों का कहना है कि यह विकास उनकी शोध क्षमताओं को प्रभावित कर सकता है.
चिली एस्ट्रोनॉमिकल सोसाइटी की प्रकाश प्रदूषण समिति के सदस्य और खगोलविद एंजेल ओटारोला के अनुसार, अत्याधुनिक पारानाल वेधशाला के आसपास प्रकाश प्रदूषण अभी लगभग एक फीसदी है, लेकिन वे इस बात को लेकर चिंतित हैं कि यह भविष्य में बढ़ सकता है.
ओटारोला ने कहा, "पहले हमें दूरी सुरक्षा प्रदान करती थी, लेकिन अब ये परियोजनाएं हमारे करीब आ रही हैं." उन्होंने बताया कि उद्योगों द्वारा आवश्यक बुनियादी ढांचे और प्रकाश व्यवस्था "कृत्रिम प्रकाश प्रदूषण को बढ़ा सकते हैं."
बढ़ रही हैं परियोजनाएं
चिली दुनिया का सबसे बड़ा तांबा उत्पादक और दूसरा सबसे बड़ा लिथियम उत्पादक है. हाल के वर्षों में वहां खनिज समृद्ध उत्तरी हिस्से में खनन और नवीकरणीय ऊर्जा परियोजनाओं का विस्तार हुआ है. वहां कई कंपनियां अपने टेलीस्कोप लगा रही हैं. वहीं दुनिया का सबसे बड़ा डिजिटल कैमरा भी स्थापित किया गया है.
पारानाल टेलीस्कोप की संचालक मर्सेला एस्पिनोसा का मानना है कि चिली में "दुनिया के सबसे अच्छे आकाश" को संरक्षित करना जरूरी है ताकि अन्य देश यहां अपने टेलीस्कोप स्थापित करना जारी रखें.
यूरोपीय सदर्न ऑब्जर्वेटरी (ईएसओ) वर्तमान में पास के सेरो अरमाजोन्स में 1.45 अरब यूरो की लागत से एक्स्ट्रीमली लार्ज टेलीस्कोप (ईएलटी) का निर्माण कर रही है.
खगोलविदों ने जिस प्रमुख परियोजना की ओर इशारा किया है, वह इनना परियोजना है, जो अमेरिकी एईएस कॉरपोरेशन की सहायक कंपनी एईएस एंडीज द्वारा शुरू की गई एक मेगा ग्रीन हाइड्रोजन और अमोनिया परियोजना है.
संतुलन की जरूरत
एईएस ने समाचार एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि 2021 में शुरू हुई इनना परियोजना को अगस्त 2024 तक प्रकाश व्यवस्था से संबंधित किसी भी विरोध का सामना नहीं करना पड़ा था. कंपनी ने कहा कि परियोजना एक ऐसे क्षेत्र में स्थित है जिसे सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा के लिए चिह्नित किया है और पर्यावरण से जुड़ी नियमों के कारण "परियोजना को स्थानांतरित करने की कोई संभावना नहीं है."
कंपनी ने कहा, "यह परियोजना खगोल विज्ञान के साथ सह-अस्तित्व में रह सकती है और विश्व व चिली के खगोल विज्ञान समुदाय के साथ मिलकर काम कर सकती है, ताकि मानकों को ऊंचा किया जा सके और यह दिखाया जा सके कि नई तकनीक और सांस्कृतिक बदलावों के साथ, चिली के अंधेरे आकाश की रक्षा करना संभव है."
कंपनी ने यह भी कहा कि उसके अध्ययनों के अनुसार, इस परियोजना के कारण पारानाल पहाड़ी पर प्राकृतिक आकाश की चमक में अधिकतम 0.27 फीसदी और अरमाजोन्स पहाड़ी पर 0.09 फीसदी तक की वृद्धि होगी.
विज्ञान इस समस्या का सामना पूरी दुनिया में कर रहा है कि रोशनी बढ़ती जा रही है. इस कारण दिखाई देने वाले सितारे लगातार कम हो रहे हैं. चिली की विज्ञान मंत्री ऐसेन एचेवेरी ने रॉयटर्स को बताया कि सरकार ने समाधान खोजने के लिए एक समिति बनाई है जो खगोल विज्ञान और ऊर्जा दोनों क्षेत्रों के विकास को संतुलित करेगी. उन्होंने कहा कि सरकार के लिए दोनों क्षेत्र महत्वपूर्ण हैं.
एचेवेरी ने कहा, "हम तकनीक से लेकर राजनयिक समाधानों तक पर काम कर रहे हैं, जिससे ये दोनों गतिविधियां एक साथ जारी रह सकें."
वीके/एए (रॉयटर्स)