मंगल ग्रह दिखा सबसे विशाल ज्वालामुखी, 20 किलोमीटर है इसकी ऊंचाई, NASA ने शेयर की तस्वीर

नासा के एक अंतरिक्ष यान ने मंगल ग्रह के एक विशाल ज्वालामुखी की हैरान कर देने वाली तस्वीर खींची है. यह तस्वीर नासा के 2001 मार्स ओडिसी ऑर्बिटर (एक तरह का सैटेलाइट जो मंगल का चक्कर लगा रहा है) ने ली है. इसमें भोर के समय एक 20 किलोमीटर ऊंचा ज्वालामुखी बादलों के बीच से झांकता हुआ दिख रहा है.

इस ज्वालामुखी का नाम आर्सिया मॉन्स (Arsia Mons) है. इसकी ऊंचाई का अंदाज़ा आप इसी बात से लगा सकते हैं कि यह पृथ्वी के सबसे बड़े ज्वालामुखी, हवाई में स्थित मौना लोआ (Mauna Loa) से लगभग दोगुना ऊंचा है. मौना लोआ की ऊंचाई समुद्र तल से 9 किलोमीटर है, जबकि आर्सिया मॉन्स 20 किलोमीटर ऊंचा है. इतना ही नहीं, इसका शिखर, जिसे काल्डेरा कहते हैं, 120 किलोमीटर चौड़ा है, जो पृथ्वी के कई ज्वालामुखियों से कहीं ज़्यादा बड़ा है.

यह शानदार तस्वीर 2 मई को थर्मल एमिशन इमेजिंग सिस्टम (THEMIS) नाम के कैमरे का इस्तेमाल करके ली गई थी. इस तस्वीर में पहली बार इस विशाल ज्वालामुखी का ऐसा नज़ारा देखने को मिला है. वैज्ञानिकों ने बताया कि उन्होंने जानबूझकर आर्सिया मॉन्स को चुना था क्योंकि उन्हें उम्मीद थी कि सुबह के बादलों के ऊपर से इसकी चोटी दिखाई देगी, और ऐसा ही हुआ.

शोधकर्ताओं का कहना है कि आर्सिया मॉन्स के ऊपर बादल तब सबसे ज़्यादा घने होते हैं, जब मंगल ग्रह सूरज से सबसे ज़्यादा दूर होता है. नासा के अनुसार, मंगल के बादलों को समझना वहाँ के मौसम और धूल भरी आँधियों जैसी घटनाओं को समझने के लिए बहुत ज़रूरी है.

यह तस्वीर खींचने के लिए ऑर्बिटर को 90 डिग्री तक घुमाना पड़ा ताकि कैमरा सतह की साफ़ तस्वीर ले सके. इस ख़ास एंगल से वैज्ञानिकों को धूल और बर्फीले बादलों की परतें देखने में मदद मिलती है, जिससे वे मौसम के साथ होने वाले बदलावों का अध्ययन कर पाते हैं.

आपको बता दें कि ओडिसी ऑर्बिटर 2001 में लॉन्च किया गया था और यह किसी दूसरे ग्रह का चक्कर लगाने वाला सबसे लंबे समय तक चलने वाला मिशन है. यह मिशन मंगल ग्रह के बारे में लगातार नई-नई जानकारियाँ भेज रहा है.