
World Environment Day 2025: पर्यावरण (Environment) की लगातार बदतर होती स्थिति पर नियंत्रण के लिए 1972 में संयुक्त राष्ट्र महासभा ने विश्व पर्यावरण दिवस (World Environment Day) की आवश्यकता का प्रस्ताव रखा था. 5 जून 1974 को महासभा के दिशा निर्देशन में पहली बार दुनिया भर में विश्व पर्यावरण दिवस मनाया गया, जिसका मुख्य उद्देश्य लोगों को पर्यावरण की समस्याओं के प्रति जागरूक करना, प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण को बढ़ावा देना, जलवायु परिवर्तन, वनों की कटाई, प्रदूषण, प्लास्टिक के उपयोग जैसे मुद्दों पर ध्यानाकर्षित करना था. पहले विश्व पर्यावरण दिवस पर दुनिया के अधिकांश देशों की उपस्थिति अथवा सहमति से इस दिवस के महत्व को समझा जा सकता है. विश्व पर्यावरण दिवस की 51वीं वर्षगांठ पर आइये जानते हैं, पर्यावरण के उन सुरक्षा कवच तीन ‘R’, यानी ‘रिड्यूस’, ‘रियूज’ एवं ‘रिसायकल’ के बारे में, जिसकी मदद से पर्यावरण पर नियंत्रण रखने का अच्छा प्रयास किया जा सकता है.
रिड्यूस (Reduce) अर्थात कम करना
किसी वस्तु विशेष जो आगे चलकर हानिकारक साबित हो सकते हैं, के उपभोग को सीमित करना. अनावश्यक वस्तुओं को दोबारा इस्तेमाल में लाने से बचना. इसका पर्यावरणीय लाभ यह होगा कि कचरे की मात्रा कम होगी, तथा प्राकृतिक संसाधनों के दोहन में भी कमी आयेगी, ऊर्जा और पानी की बचत होती है, तथा प्रदूषण में कमी आयेगी. उदाहरण के लिए प्लास्टिक की थैलियों के बजाय कपड़े की थैलियों का इस्तेमाल करें. प्लास्टिक के उपयोग से बचने के लिए यह अच्छा विकल्प होगा. इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों पंखा, गीजर, हीटर, बल्ब ट्यूबलाइट्स, कूलर, एसी आदि की जरूरत नहीं होने पर स्विच बंद रखें. यह भी पढ़ें: Inspirational Quotes on World No Tobacco Day 2025: तम्बाकू के सेवन से मुक्ति दिलाने के लिए अपने शुभचिंतकों को भैजें ये प्रभावशाली कोट्स!
रियूज़ (Reuse) — पुन: प्रयोग
इसका मूल आशय यह है कि किसी एक ही वस्तु का बार-बार या ज्यादा से ज्यादा उपयोग में लाना, ताकि नई वस्तुओं की जरूरत न पड़े. इसका पर्यावरणीय लाभ यह होगा कि उत्पादन की आवश्यकता कम होती है, जिससे ऊर्जा और संसाधन बचते हैं. साथ ही कचरा कम पैदा होता है, और पुनः उत्पादन से उत्पादों की आयु बढ़ती है. उदाहरण के लिए कांच की बोतलों का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जा सकता है, तथा पुराने कपड़ों का झोला तैयार किया जा सकता है, साफ-सफाई एवं पोछा लगाने के लिए प्रयोग में लाया जा सकता है.
रीसायकल (Recycle) — पुनर्चक्रण
इसका सीधा और सरल आशय है उपयोग में लाई गई वस्तुओं को प्रोसेस कर फिर से उसे उपयोग करने योग्य बनाना. लोहा, कागज, प्लास्टिक आदि का पुनर्चक्रण (Recycle) कर नये उत्पाद बनाये जा सकते हैं. इसका पर्यावरणीय लाभ हमें इस रूप में प्राप्त होगा कि कचरे में कमी आयेगी, लैंडफिल पर कचरे का दबाव घटेगा. नई वस्तुएं बनाने के लिए कच्चा माल और ऊर्जा कम खर्च होगा. उदाहरणार्थ पुराने समाचार पत्रों, पुस्तकों, कागज के खोखे या अन्य व्यर्थ के पेपर्स से नये कागज एवं इस्तेमाल योग्य अन्य वस्तुएं बन सकती हैं. इसी तरह प्लास्टिक की पुरानी बोतलों से नये प्लास्टिक के उत्पाद बनाए जा सकते हैं.