Zubeen Garg Death Case: क्या जुबिन गर्ग की हत्या हुई थी? दोस्त का दावा- मैनेजर ने जहर देकर मारा, डूबने की कहानी झूठी
(Photo Credit: X Formerly Twitter)

Zubeen Garg Death: मशहूर सिंगर जुबिन गर्ग की मौत का मामला अब एक नया और चौंकाने वाला मोड़ ले चुका है. जुबिन के ही बैंड के साथी शेखर ज्योति गोस्वामी ने एक ऐसा खुलासा किया है जिससे सब हैरान हैं. उनका आरोप है कि जुबिन की मौत कोई हादसा नहीं थी, बल्कि यह एक सोची-समझी साजिश थी, जिसमें उनके मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और एक फेस्टिवल ऑर्गनाइजर श्यामकनु महंत का हाथ था.

दोस्त ने बताई उस दिन की पूरी कहानी 

पुलिस को दिए अपने बयान में, शेखर ने सिंगापुर में हुई उस यॉट पार्टी की पूरी कहानी बताई, जहां यह दुखद घटना हुई. शेखर के मुताबिक, उस दिन मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा का बर्ताव शुरू से ही अजीब और शक पैदा करने वाला था.

शेखर ने कुछ चौंकाने वाली बातें बताई हैं:

ड्रिंक्स का राज: सिद्धार्थ ने पार्टी में किसी और को ड्रिंक्स का इंतजाम करने से मना कर दिया और कहा कि यह काम सिर्फ वही करेगा.

खतरनाक हरकत: उसने यॉट चला रहे नाविक से जबरदस्ती कंट्रोल ले लिया और यॉट को समुद्र के बीच खतरनाक तरीके से चलाने लगा, जिससे सबकी जान खतरे में पड़ गई.

चौंकाने वाले शब्द: जब जुबिन गर्ग पानी में सांस के लिए तड़प रहे थे, तब सिद्धार्थ मदद करने के बजाय चिल्ला रहा था, "जाने दे, जाने दे".

झूठ और लापरवाही: शेखर का कहना है कि जुबिन एक बहुत अच्छे और ट्रेंड तैराक थे, उन्होंने खुद शेखर और सिद्धार्थ को तैरना सिखाया था. ऐसे में उनका डूबना नामुमकिन है. जब जुबिन के मुंह और नाक से झाग निकल रहा था, तो मैनेजर ने इसे मामूली 'एसिडिटी' बताकर टाल दिया और तुरंत मेडिकल मदद नहीं बुलाई.

शेखर का आरोप है कि मैनेजर और ऑर्गनाइजर ने मिलकर जुबिन को ज़हर दिया था और इस साजिश को छिपाने के लिए ही जानबूझकर सिंगापुर को चुना गया. उसने यह भी बताया कि सिद्धार्थ ने उसे यॉट के वीडियो किसी से भी शेयर न करने की धमकी दी थी.

अब जांच में जुटीं बड़ी एजेंसियां

हालांकि, मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा और ऑर्गनाइजर श्यामकनु महंत ने पूछताछ में इन सभी आरोपों से इनकार किया है. लेकिन पुलिस का कहना है कि शुरुआती सबूत, जैसे कि कुछ कागजात, पैसों के लेन-देन और गवाहों के बयान, मैनेजर सिद्धार्थ को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं.

अब इस मामले में ED (प्रवर्तन निदेशालय) और इनकम टैक्स विभाग की भी एंट्री हो सकती है. श्यामकनु महंत पर पैसों की हेराफेरी और बेनामी संपत्ति (किसी और के नाम पर प्रॉपर्टी खरीदना) के आरोप लगे हैं, जिसकी जांच ये एजेंसियां करेंगी. असम पुलिस की CID को महंत के खिलाफ 20 साल पुराने वित्तीय घोटालों के सबूत भी मिले हैं. जुबिन गर्ग की मौत की गुत्थी और भी उलझ गई है और अब यह मामला एक बड़े आपराधिक षड्यंत्र की ओर इशारा कर रहा है.