श्रीनगर, 25 अप्रैल 2025: भारतीय सेना के बढ़ते दबाव और सख्त कार्रवाई के डर से आतंकवादी संगठन द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने अब पाहलगाम हमले से पल्ला झाड़ लिया है. हाल ही में जारी एक बयान में TRF ने कहा है कि उनका इस हमले से कोई लेना-देना नहीं है और उन पर लगाए गए आरोप "झूठे और साजिशन" हैं.
पाहलगाम में हुए हमले के बाद TRF से जुड़े एक डिजिटल प्लेटफॉर्म पर हमले की जिम्मेदारी लेने जैसा संदेश पोस्ट हुआ था. लेकिन भारतीय सेना की सख्त जवाबी कार्रवाई और लगातार चल रहे ऑपरेशनों के बीच अब TRF ने यू-टर्न लेते हुए कहा है कि यह संदेश उनके सिस्टम में "साइबर घुसपैठ" के जरिये डाला गया था.
TRF ने आरोप लगाया कि यह साजिश भारतीय साइबर एजेंसियों द्वारा रची गई है ताकि कश्मीरी प्रतिरोध आंदोलन को बदनाम किया जा सके. संगठन ने यह भी कहा कि वह घटना की आंतरिक जांच कर रहा है और दोषियों को उजागर करेगा.
The situation is so bad that even TRF can’t stand by its own claims — it’s that bad. pic.twitter.com/shvxyKkVpO
— Nitish Rajput (@nitishrajpute) April 26, 2025
जानकारों के मुताबिक, भारतीय सेना की बढ़ती घेराबंदी और कड़ी कार्रवाइयों ने आतंकवादी संगठनों के हौसले पस्त कर दिए हैं. TRF का अचानक पलटी मारना इसी दबाव का नतीजा माना जा रहा है.
सेना का बढ़ा दबाव, आतंकियों की रणनीति में बदलाव
सूत्रों का कहना है कि सेना द्वारा चलाए जा रहे सर्च ऑपरेशनों और तकनीकी निगरानी के चलते TRF जैसे संगठनों की गतिविधियों पर कड़ी नजर रखी जा रही है. पहलगाम हमले के बाद आतंकियों में घबराहट का माहौल है. भारतीय सेना और सुरक्षा एजेंसियां पाहलगाम हमले के असली गुनहगारों की तलाश में तेजी से जुटी हुई हैं. वहीं TRF के इस नए बयान ने सुरक्षा एजेंसियों के शक को और गहरा कर दिया है.













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