दिल्ली में यहां मिलेंगे सस्ते टमाटर, बाजार में 80 लेकिन सरकार देगी 52 रुपये किलो, प्याज भी मिलेगा सस्ता
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दिल्ली-NCR सहित देशभर में टमाटर की कीमतों में एक बार फिर उछाल आया है. राजधानी दिल्ली में टमाटर का खुदरा दाम 80 रुपये प्रति किलो तक पहुंच चुका है. इसकी सबसे बड़ी वजह पिछले महीने आए चक्रवात ‘मोंथा’ को माना जा रहा है, जिसने आंध्र प्रदेश और कर्नाटक के टमाटर-उत्पादक क्षेत्रों में भारी नुकसान पहुंचाया. इससे बाजार में सप्लाई घट गई और दाम तेजी से बढ़ने लगे.

बढ़ती महंगाई पर काबू पाने के लिए केंद्र सरकार ने एक बार फिर बड़ी राहत देते हुए सब्सिडाइज्ड टमाटर 52 रुपये प्रति किलो की दर से बेचने का फैसला किया है. यह बिक्री NCCF के जरिए मोबाइल वैन और काउंटरों पर की जा रही है. यह कदम संसद के शीतकालीन सत्र से ठीक पहले उठाया गया है, ताकि बढ़ती महंगाई को लेकर राजनीतिक विवाद न बढ़े.

दिल्ली-NCR के इन इलाकों में मिलेंगे सस्ते टमाटर

सब्सिडी वाले ‘जनता टमाटर’ की बिक्री राजधानी के प्रमुख इलाकों में शुरू हो चुकी है. इनमें प्रमुख स्थान हैं- कृषि भवन, बराखंबा रोड, खारी बावली, साकेत, मालवीयनगर, पटेल चौक, आरके पुरम, नेहरू प्लेस, रोहिणी, द्वारका और नोएडा. NCCF इन वैन के माध्यम से प्याज 15 रुपये प्रति किलो पर भी बेच रहा है, ताकि रसोई का खर्च कम हो सके.

टमाटर उत्पादन में भारी गिरावट

कृषि मंत्रालय के तीसरे एडवांस अनुमान के अनुसार, 2024-25 में देश का टमाटर उत्पादन घटकर 19.46 मिलियन टन रह सकता है, जबकि पिछले साल यह 21.32 मिलियन टन था. आंध्र प्रदेश और कर्नाटक जहां से नॉर्थ इंडिया को सबसे अधिक टमाटर सप्लाई होती है वहां फसलों को भारी नुकसान दर्ज किया गया है. मौसम की मार से सिर्फ आम उपभोक्ता ही नहीं, किसान भी परेशान हैं.

मंडी vs रिटेल: मुनाफे का बड़ा फासला

दिलचस्प बात यह है कि जहां खुदरा बाजार में कीमतें 60-80 फीसदी तक बढ़ गई हैं, वहीं थोक मंडियों में दाम लगभग स्थिर हैं. 25 नवंबर को थोक कीमतें 4,182 रुपये प्रति क्विंटल थीं, जो पिछले साल से सिर्फ 0.53% ज्यादा हैं. यह दिखाता है कि बीच के स्तर पर रिटेल मार्जिन काफी बढ़ गया है.

कब आएगी राहत?

हिमाचल प्रदेश के सोलन के थोक व्यापारी अमर ठाकुर का कहना है कि करीब 20-25 दिनों में राजस्थान और पंजाब से ताजा टमाटर की आवक बढ़ेगी, जिससे कीमतों में तेजी से राहत मिल सकती है. सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, दिल्ली में टमाटर की कीमतें एक साल में 66% बढ़ी हैं. कोलकाता और चेन्नई में भी यही रुझान देखने को मिला है प्राइस 40% से 87% तक बढ़े हैं.

हर साल क्यों बढ़ती है टमाटर की कीमत?

विशेषज्ञों के अनुसार, भारत में टमाटर उत्पादन कुछ चुनिंदा बेल्टों पर ही निर्भर है. SFAC के पूर्व MD प्रवेश शर्मा कहते हैं, “जब तक देश में नए प्रोडक्शन क्लस्टर नहीं बनेंगे और कोल्ड-स्टोरेज सिस्टम मजबूत नहीं होगा, तब तक हर साल यह संकट दोहराया जाएगा.”