Rajnath Singh on India Pakistan Relations: रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने रविवार को एक कार्यक्रम में पाकिस्तान को बिना किसी घुमाव के साफ संदेश दिया. उन्होंने कहा कि भले ही आज सिंध भारत की जमीन में शामिल नहीं है, लेकिन दुनिया में सीमाएं हमेशा एक जैसी नहीं रहतीं. समय का पहिया कब क्या मोड़ ले आए, कोई नहीं जानता. उन्होंने संकेत देते हुए कहा कि आने वाले वक्त में सिंध दोबारा भारत के साथ जुड़ भी सकता है.
राजनाथ सिंह के मुताबिक, सिंधी समुदाय के लिए बंटवारा सबसे पीड़ादायक दौर था और उनका अपनी जन्मभूमि से रिश्ता आज भी भावनात्मक रूप से जुड़ा हुआ है.
'सिंध एक दिन भारत का हिस्सा बन सकता है'
"Who knows, Sindh might become part of India one day," says Indian Defence Minister Rajnath Singh pic.twitter.com/tF9zx2ypIO
— Sidhant Sibal (@sidhant) November 23, 2025
सिंधी समाज का दर्द और ऐतिहासिक जुड़ाव
राजनाथ सिंह ने अपने संबोधन में कहा कि 1947 के विभाजन के समय बड़ी संख्या में सिंधी हिंदू भारत आकर बसे थे. उन्होंने बताया कि पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी ने भी अपनी किताब में लिखा है कि उनकी पीढ़ी के सिंधी लोग आज तक सिंध के अलग होने को दिल से स्वीकार नहीं कर पाए. रक्षा मंत्री ने कहा कि सिंधी समाज के लिए सिंध सिर्फ जमीन नहीं, बल्कि सांस्कृतिक पहचान और आध्यात्मिक भावना से जुड़ा प्रतीक है.
उन्होंने यह भी याद दिलाया कि सिंधु नदी को भारत में पवित्र माना जाता है और यहां तक कि सिंध के कई मुसलमान भी इसे अत्यंत पवित्र मानते थे. उनके मुताबिक सिंधु का महत्व धार्मिक आस्था से कहीं ज्यादा सभ्यता और इतिहास की विरासत से जुड़ा है.
सभ्यता के स्तर पर सिंध भारत का हिस्सा
राजनाथ सिंह ने आगे कहा कि भले ही राजनीतिक नक्शे में सिंध आज पाकिस्तान में हो, लेकिन सभ्यतागत रूप से वह भारत से कभी अलग नहीं हुआ. उन्होंने कहा कि सीमाएं बदल सकती हैं और दुनिया में यह कई बार होता भी रहा है. उन्होंने इशारों में कहा कि भविष्य में क्या होगा, यह कोई तय नहीं कर सकता और हो सकता है कि सिंध दोबारा भारत की गोद में लौट आए. उन्होंने कहा कि सिंधु संस्कृति से जुड़े लोग जहां भी रह रहे हों, वे हमारे अपने हैं और रहेंगे.
पहले भी दे चुके हैं संकेत
रक्षा मंत्री इससे पहले भी पाकिस्तान के कब्जे वाले इलाकों को लेकर बयान दे चुके हैं. उन्होंने कुछ महीनों पहले कहा था कि पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर खुद ही भारत में शामिल होने की राह पर है. उनके ताज़ा बयान ने एक बार फिर भारत-पाक रिश्तों और आने वाले समय की संभावनाओं पर चर्चा को तेज कर दिया है.













QuickLY