Kerala Assembly Elections 2021: केरल चुनावों के लिए कांग्रेस तैयार, इस बड़े नेता को मिली अहम जिम्मेदारी
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (Photo Credit: PTI)

तिरुवनंतपुरम, 22 जनवरी : केरल के आसन्न विधानसभा चुनाव में कांग्रेस पार्टी और यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (यूडीएफ) की संभावनाओं के बाबत अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी द्वारा गठित तीन सदस्यीय समिति शुक्रवार शाम और शनिवार को विचार-विमर्श करेगी. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली इस तीन सदस्यीय समिति में गोवा के पूर्व मुख्यमंत्री लुइजिन्हो फलेरो और कर्नाटक के पूर्व उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर शामिल हैं. इस बैठक में भाग लेने के लिए लुइजिन्हो फलेरो और जी परमेश्वर तिरुवनंतपुरम पहुंच चुके हैं, जबकि गहलोत आज शाम यहां पहुंचेंगे. उनके साथ अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (संगठन) के महासचिव केसी वेणुगोपाल भी रहेंगे. गहलोत के पहुंचते ही विचार-विमर्श का दौर शुरू हो जाएगा.गौरतलब है कि इस संदर्भ में फलेरो और परमेश्वर ने प्रदेश कांग्रेस के तीन बड़े नेताओं से मुलाकात की है. इन नेताओं में केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष मुल्लापल्ली रामचंद्रन, पूर्व मुख्यमंत्री ओमेन चांडी और विपक्ष के नेता रमेश चेन्नीथला शामिल हैं.

केपीसीसी के महासचिव मनकादू सुरेश ने आईएएनएस को बताया कि फलेरो और परमेश्वर यहां पहुंच चुके हैं और वे प्रदेश के सभी वरिष्ठ नेताओं से मुलाकात कर रहे हैं. आज शाम जब गहलोत और वेणगाुपाल यहां पहुंचेंगे तो उन्हें इस बाबत जानकारी उपलब्ध करा दी जाएगी. इन दोनों वरिष्ठ नेताओं के यहां पहुंचने के बाद सर्वप्रथम एक अनौपचारिक बैठक होगी. इसके बाद शनिवार को बैठकों का दौर चलेगा, जिसमें इस वर्ष मई में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए पार्टी के संभावित प्रत्याशियों के नामों पर गहन चर्चा होगी. पार्टी के एक अन्य वरिष्ठ नेता व केरल के पूर्व मुख्यमंत्री एके एंटनी ने इस चुनाव में नए चेहरों को उतारने का आह्वान किया है. अतएव, कांग्रेस को टिकट देने के लिए कई युवा नेताओं का चयन करने को विवश होना पड़ेगा. पार्टी का प्रदेश नेतृत्व जिन नए चेहरों को मैदान में उतारने का प्रस्ताव देगा, उन संभावित प्रत्याशियों की क्षमताओं की गहलोत और उनकी टीम गहनता से विवेचना करेगी. यह भी पढ़ें : kerala Assembly Elections 2021: केरल में 46.7 प्रतिशत वोटों के साथ पिनाराई विजयन CM पद के लिए पहली पसंद: सर्वे

केपीसीसी प्रमुख रामचंद्रन ने आईएएनएस को बताया कि एआईसीसी पर्यवेक्षकों और प्रदेश नेताओं की टीम के बीच सभी पहलुओं पर खुले तौर पर मंथन होगा. इस बैठक में हमलोग चुनाव के लिए वित्तीय संसाधन जुटाने, चुनावी रणनीति बनाने, सहयोगी दलों के साथ सम्बंध और नए उम्मीदवारों को मैदान में उतारने के परिणाम-दुष्परिणाम पर विचार-विमर्श करेंगे. इस बाबत हम पार्टी के सभी सदस्यों और वरिष्ठ राजनेताओं का सहयोग लेंगे तथा उनके व्यापक राजनीतिक अनुभवों व विशेषज्ञता का भी भरपूर लाभ उठाएंगे. वर्ष 2016 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने 87 सीटों पर चुनाव लड़ा था, लेकिन उसे केवल 22 सीटों पर ही जीत मिली थी. जबकि, यूडीएफ के सहयोगी दल इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग ने 25 सीटों पर किस्मत आजमाई थी और उसे 18 सीटों पर जीत मिली थी. इस वर्ष मई में होने वाले विधानसभा चुनाव में कांग्रेस 95 सीटों पर अपना भाग्य आजमा सकती है. यूडीएफ ने कम्यूनिस्ट मार्क्‍सिस्ट पार्टी (सीएमपी) को दो सीटें देने की बात कही है. यूडीएफ के गठन के समय से ही सीएमपी इसके साथ बनी हुई है. फॉरवर्ड ब्लॉक को एक सीट मिलेगी, जबकि पीजे जोसफ के नेतृत्व वाली पार्टी 7 अथवा 9 सीटों पर चुनाव लड़ेगी.