17 साल से भारत में रह रहे पाकिस्तानी ओसामा ने डाला वोट, कैसे मिले आधार और राशन कार्ड जैसे कई दस्तावेज?

अटारी, पंजाब: भारत में 17 साल तक रहने के बाद पाकिस्तानी नागरिक ओसामा (Pakistani National Osama) को आखिरकार पाकिस्तान वापस भेज दिया गया. लेकिन उसके जाने से पहले उठे कई ऐसे सवाल, जो न केवल सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े करते हैं, बल्कि भारत की नागरिकता प्रक्रिया, वोटिंग सिस्टम और प्रशासनिक लापरवाही को भी कटघरे में खड़ा करते हैं.

'मैंने वोट डाला, राशन कार्ड है, 10वीं-12वीं भारत से की' 

पाकिस्तान लौटते समय ओसामा (Pakistani Citizen Osama) ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “मैं यहाँ पिछले 17 सालों से रह रहा हूँ. मैंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई यहीं से की है, फिलहाल ग्रेजुएशन कर रहा हूँ. मेरी परीक्षा के बाद इंटरव्यू देने की तैयारी थी. मेरा राशन कार्ड है, मैंने यहाँ वोट भी डाला है. जो कुछ पहलगाम में हुआ वह बेहद शर्मनाक है, मैं उसकी निंदा करता हूँ. लेकिन मेरा भविष्य क्या होगा? मुझे थोड़ा समय मिलना चाहिए.”

'भारत नहीं छोड़ा तो होगी सजा'

हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद केंद्र सरकार ने कड़ा रुख अपनाया है. 27 अप्रैल को जारी आदेश में कहा गया कि भारत में रह रहे पाकिस्तानी नागरिकों को तय समय सीमा के भीतर देश छोड़ना होगा. जो ऐसा नहीं करेंगे, उन्हें तीन साल की जेल, तीन लाख रुपये का जुर्माना या दोनों सजा दी जा सकती है.

ओसामा ने वोट कैसे डाला?

ओसामा के इस बयान ने सबको चौंका दिया है कि उसने भारत में वोट डाला. सवाल यह उठता है कि क्या उसे आधार कार्ड या वोटर आईडी मिला था? अगर हां, तो यह कैसे संभव हुआ? क्या सरकारी तंत्र की मिलीभगत थी? भारत जैसे लोकतांत्रिक देश में यदि कोई विदेशी नागरिक वोट डाल सकता है, तो यह चुनावी प्रणाली की पारदर्शिता पर बड़ा सवाल है.

स्थानीय लोगों का गुस्सा

ओसामा के खुलासों के बाद स्थानीय नागरिकों में रोष है. सोशल मीडिया पर लोग सरकार से जवाब मांग रहे हैं कि यदि एक पाकिस्तानी नागरिक 17 साल तक भारत में पढ़ सकता है, राशन कार्ड पा सकता है, और वोट भी डाल सकता है, तो यह किसकी लापरवाही है?