पिछले कुछ वर्षों में, भारत में कुत्तों द्वारा हमलों की घटनाएं बढ़ रही हैं. इन घटनाओं में, कुत्तों ने अपने मालिकों या अन्य लोगों को काट लिया है. यहां तक कि कुत्तों के हमले में कई छोटे बच्चों की मौत हुई है या वे बुरी तरह घायल हो गए हैंं. सोशल मीडिया पर भी ऐसी घटनाओं के वीडियो और फोटो वायरल होते रहते हैं. इन घटनाओं को देखते हुए, केंद्र सरकार ने करीब 25 खतरनाक कुत्तों की नस्लों पर प्रतिबंध लगाने की तैयारी शुरू कर दी है.
केंद्र सरकार की सिफारिशें:
- पिटबुल, रॉटविलर, टेरियर, वोल्फ डॉग, मास्टिफ्स जैसे विदेशी कुत्तों के आयात, प्रजनन और बिक्री पर प्रतिबंध लगाना.
- मिक्स और क्रॉस ब्रीड के अन्य कुत्तों पर भी प्रतिबंध लगाना.
- राज्यों से अपील करना कि वे क्रॉस ब्रीडिंग और विदेशी नस्ल के कुत्तों का लाइसेंस जारी न करें और उनकी बिक्री पर रोक लगाएं.
प्रतिबंधित कुत्तों की नस्लों की सूची:
- पिटबुल टेरियर
- तोसा इनु
- अमेरिकन स्टेफोर्डशायर टेरियर
- फिला ब्रासीलिरियो
- डोगो अर्जेंटिनो
- अमेरिकन बुलडॉग
- बोएसबीए
- कनगाल
- सेंट्रल एशियन शेफर्ड
- काकेशियन शेफर्ड
- साउथ रशियन शेफर्ड
- टोनजैक
- सरप्लानिनैक
- जापानी तोसा ऐंड अकिता
- मास्टिफ्स
- रॉटलवियर
- टेरियर
- रोडेशियन रिजबैक
- वोल्फ डॉग्स
- कनारियो
- अकबाश
- मॉस्को गार्ड
- केन कार्सो
यह निर्णय क्यों लिया गया?
दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश पर गठित एक समिति ने केंद्र सरकार को सलाह दी है कि विदेशी नस्ल के कुत्ते भारत की परिस्थितियों में उग्र हो जाते हैं. समिति ने यह भी पाया कि मिक्स और क्रॉस ब्रीड के कुत्तों में भी आक्रामकता का खतरा होता है.