Meat Ban in Kalyan: मुंबई से सटे कल्याण में 15 अगस्त को मीट बैन, KDMC के आदेश पर जितेंद्र आव्हाण-आदित्य ठाकरे का विरोध; VIDEO
(Photo Credits FB)

Meat Ban in Kalyan:  स्वतंत्रता दिवस के पूर्व अवसर पर 15 अगस्त को कल्याण-डोम्बिवली महानगरपालिका (KDMC) द्वारा मांस बिक्री पर प्रतिबंध लगाने के आदेश ने विवाद खड़ा कर दिया है. राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के विधायक और पूर्व मंत्री जितेंद्र आव्हाड और शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने इस फैसले की कड़े शब्दों में आलोचना की है, इसे लोगों की खानें पीने की स्वतंत्रता पर हमला बताया है.

जितेंद्र आव्हाड का विरोध

एनसीपी (एसपी) के विधायक जितेंद्र आव्हाड, जो ठाणे जिले के कालवा विधानसभा क्षेत्र से विधायक हैं, ने इस आदेश को लोगों की स्वतंत्रता पर हमला करार दिया. उन्होंने कहा, "मैं 15 अगस्त को मटन पार्टी आयोजित करूंगा ताकि लोगों की खानें पीने की स्वतंत्रता को उजागर किया जा सके. जिस दिन हमें आजादी मिली, उसी दिन आप हमारी खाने की आजादी छीन रहे हैं. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "यह बहुत ज्यादा है। आप कौन होते हैं यह तय करने वाले कि लोग क्या खाएंगे और कब?" यह भी पढ़े: Ayodhya Ram Path Meat Ban: अयोध्या में राम पथ से हटेंगी नॉनवेज की दुकानें, शराब की दुकानों पर भी लगेगी रोक; आदेश जारी

KDMC  के फैसले पर जितेंद्र आव्हाण का विरोध

आदित्य ठाकरे ने भी फैसले पर जताया विरोध

शिवसेना (यूबीटी) के विधायक आदित्य ठाकरे ने भी इस आदेश की कड़ी निंदा की और KDMC आयुक्त के निलंबन की मांग की. उन्होंने सवाल उठाया, "आयुक्त कौन होते हैं यह तय करने वाले कि लोग मांसाहारी भोजन खा सकते हैं या नहीं? यह लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर हमला है.

KDMC का आदेश

KDMC ने अपने आदेश में कहा है कि 14 अगस्त 2025 की मध्यरात्रि से 15 अगस्त 2025 की मध्यरात्रि तक सभी बूचड़खाने और बकरे, भेड़, मुर्गी, और बड़े जानवरों की लाइसेंस प्राप्त कसाई दुकानों को 24 घंटे के लिए बंद रखा जाए। निगम ने चेतावनी दी है कि इस अवधि में पशु वध या मांस बिक्री करने वालों के खिलाफ महाराष्ट्र नगर निगम अधिनियम, 1949 के तहत सख्त कार्रवाई की जाएगी.

KDMC की उपायुक्त (लाइसेंस) कंचन गायकवाड़ ने बताया कि यह आदेश 1988 से हर साल स्वतंत्रता दिवस, गांधी जयंती, और अन्य महत्वपूर्ण अवसरों पर लागू किया जाता रहा है. उसी के तथ यह फैसला लिया गया हैं.

 

लोगों की प्रतिक्रिया

वहीं कई स्थानीय निवासियों और व्यापारियों ने इस आदेश पर मिश्रित प्रतिक्रिया दी है। कुछ लोग इसे राष्ट्रीय अवसर के सम्मान में उचित मानते हैं, जबकि अन्य इसे व्यक्तिगत स्वतंत्रता पर अतिक्रमण मान रहे हैं।