मुंबई का मशहूर लालबागचा राजा (Lalbaugcha Raja) गणेशोत्सव मंडल इस बार विवादों में घिर गया है. अखिल महाराष्ट्र मच्छिमार कृती समिती (Akhil Maharashtra Machhimar Kruti Samiti) ने मंडल पर गंभीर आरोप लगाते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस (CM Devendra Fadnavis) से मंडल की कार्यकारिणी पर क्रिमिनल केस दाखिल करने की मांग की है.
इस साल लालबागचा राजा का विसर्जन 36 घंटे की देरी के बाद रविवार रात 9:10 बजे किया गया. समुद्र में ज्वार-भाटा की वजह से मूर्ति का विसर्जन रोका गया और आखिरकार चंद्रग्रहण के समय विसर्जन हुआ. समिति का कहना है कि इससे हिंदू और कोली समाज की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंची है.
उत्सव का बाजारीकरण हो गया है
मच्छिमार समिती के अध्यक्ष देवेंद्र तांडेल ने सीएम को पत्र लिखकर कहा कि विसर्जन की गड़बड़ी से लाखों भक्तों की श्रद्धा आहत हुई है. दर्शन के दौरान भक्तों को शारीरिक और मानसिक कष्ट सहना पड़ा. मंडल ने उत्सव का बाजारीकरण कर दिया है और श्रद्धालुओं की अनदेखी हो रही है. एक छोटी बच्ची से दुर्व्यवहार का वीडियो भी सामने आया है, जिसने भक्तों का गुस्सा और बढ़ा दिया है.
कोली बंधुओं को किया गया नजरअंदाज
सालों से लालबागचा राजा के विसर्जन की जिम्मेदारी कोली समाज निभाता आया है, लेकिन इस बार आधुनिक तकनीक का सहारा लेकर उन्हें अलग कर दिया गया. समिति का कहना है कि यह न सिर्फ परंपरा का अपमान है बल्कि समाज और भक्तों का भी अपमान है.
मच्छिमार समिती की मुख्य मांगें
- VIP कल्चर पर लगाम लगाई जाए और VIP दर्शन सिर्फ एक दिन तक सीमित हो.
- दर्शन प्रक्रिया को आसान बनाया जाए.
- विसर्जन का मान कोली समाज को ही मिले और एक दिन आगरी-कोली लोगों के लिए आरक्षित किया जाए.
- मंडल की कार्यकारिणी पर कारवाई की जाए.
मच्छिमार समिती की शिकायत के बाद अब सबकी नजर मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर टिकी है कि वे इस मामले में क्या कदम उठाते हैं.













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