Lalbaugcha Raja: मुंबई में गणपति उत्सव की धूम पूरे शहर में छाई हुई है. रविवार को सभी पंडालों में भक्तों का तांता लगा रहा. विशेष रूप से लालबागचा राजा के दर्शन के लिए सबसे अधिक भीड़ उमड़ी. इस अवसर पर केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा (JP Nadda), महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ लालबागचा राजा के दर्शन और पूजा-अर्चना के लिए पहुंचे. उनके साथ मंत्री मंगलवार प्रभात लोढ़ा और आशीष शेलार भी मौजूद रहे.इस दौरान नड्डा, फडणवीस और अन्य नेताओं ने बप्पा के दर्शन कर लोगों की सुख-शांति और समृद्धि की कामना की.
इससे पहले, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, शिवसेना (यूबीटी) प्रमुख उद्धव ठाकरे, उनके पुत्र आदित्य ठाकरे, महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे और कई अन्य प्रमुख नेता, अभिनेता तथा वीआईपी-वीवीआईपी भी लालबागचा राजा के दर्शन के लिए आ चुके हैं. यह भी पढ़े: Amit Shah Lalbaugcha Raj Darshan Video: गृह मंत्री अमित शाह मुंबई दौरे पर, पत्नी सोनल के साथ लालबागचा राजा के किए दर्शन, देखें वीडियो
बप्पा के दर पर JP नड्डा, सीएम देवेंद्र फडणवीस
#WATCH | मुंबई, महाराष्ट्र: केंद्रीय मंत्री और भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जे.पी. नड्डा ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ लालबागचा राजा के दर्शन किए और पूजा-अर्चना की। pic.twitter.com/Ss08bjP0LH
— ANI_HindiNews (@AHindinews) August 31, 2025
लालबागचा राजा: आस्था और श्रद्धा का प्रमुख केंद्र
लालबागचा राजा का पंडाल हर साल गणेश चतुर्थी के अवसर पर भक्तों के लिए आस्था और श्रद्धा का महत्वपूर्ण केंद्र बनता है.यह परंपरा काफी पुरानी है और महाराष्ट्र सहित देश के विभिन्न हिस्सों से राजनेता, फिल्मी सितारे और विशिष्ट हस्तियां यहां दर्शन करने आती हैं. लालबागचा राजा, जिन्हें “मुराद पूरी करने वाले गणपति” के नाम से भी जाना जाता है, भक्तों की मनोकामनाओं को पूरा करने के लिए विख्यात हैं. 1934 में स्थापित यह मंडल मुंबई का सबसे प्रतिष्ठित और लोकप्रिय गणेश पंडाल बन चुका है, जो हर वर्ष लाखों भक्तों को आकर्षित करता है.
विसर्जन के दिन भव्य उत्सव
दस दिनों तक विराजमान रहने के बाद, लालबागचा राजा की मूर्ति का 6 दिसंबर 2023 को गिरगांव चौपाटी पर भव्य विसर्जन होगा.इस अवसर पर भक्त भारी संख्या में उपस्थित रहेंगे और “गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया” के जयघोष के साथ बप्पा को भावपूर्ण विदाई देंगे. भक्तों की यही प्रबल इच्छा होती है कि भले ही बप्पा इस साल जल्दी जा रहे हैं, लेकिन अगले वर्ष वे और अधिक खुशियां, सुख-समृद्धि लेकर शीघ्र वापस लौटें.













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